दो दिन की हड़ताल से 350 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित, परेशान रहे ये लोग
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भारत सरकार की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर मंगलवार को दूसरे दिन भी बैंकों का हड़ताल जारी रही, जिससे दो दिनों तक बैंकों के बंद रहने से लगभग 350 करोड़ रुपये का लेन-देन ठप पड़ा रहा।
बताया जा रहा है कि बैंकों के बंद रहने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। लोग पैसे की जरुरत पूरा करने को एटीएम बूथों का चक्कर लगाते दिखे। वहीं त्योहारी सीज में रविवार अवकाश समेत तीन दिन तक बैंकों के बंद रहने से व्यापारियों में मायूसी छायी रही।
जिले में तीन दिनों तक बैंकों के बंद रहने से लोगों को पैसे के लिए दिक्कत झेलनी पड़ेगी। हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को भी बैंक नहीं खुलेंगे। होली का त्योहार नजदीक होने से लोगों को बाजार में खरीदारी करने में परेशानी हुई। वहीं पेट्रोप पंप संचालक समेत अन्य व्यापारियों को बिक्री का रुपये बैंक में जमा नहीं होने से फजीहत का सामना करना पड़ा।
बैंक कर्मियों ने हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण व विलय की योजना बनाई है। सरकार की कार्यप्रणाली से हजारों कर्मियों की नौकरी जा सकती है। वहीं खाताधारकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। चेताया कि यदि सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करने को विवश होंगे।