इसलिए नहीं हो रही है आशीष कुमार साहनी और संजीव कुमार सिंह पर कार्रवाई, खेल में शामिल कहीं ये भी तो नहीं..!
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कहते हैं कि चंदौली जिले में यह कहावत बहुत ही सटीक चरितार्थ होती है…
राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट… बाद में पछताओगे जब कुर्सी जाएगी छूट । इसी फार्मूले का पालन करते हुए कुर्सी पर बैठा हर आदमी माल कमाने की जी-तोड़ कोशिश कर रहा है और उसके बॉस भी या तो अपना बंधा-बंधाया कमीशन लेकर या किसी अन्य कारण से उसके कारनामे से आंख मूदे हैं। राजनेता हैं कि सवाल नहीं पूछ सकते हैं..और अगर पूछ लिया तो उनका भी यथोचित सम्मान हो ही जाएगा।
यह बात अगर नौगढ़ में करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपी आशीष कुमार साहनी और संजीव कुमार सिंह को बचाने के लिए डीपीआरओ और जिला विकास अधिकारी कार्यालय द्वारा की गई हीलाहवाली या लापरवाही से जोड़ें तो आपको भी सही लगने लगेगी कि जनता को बेवकूफ बनाने के लिए और मीडिया में जांच व कार्रवाई का बयान देने के लिए अफसर तेजी से आगे आते हैं। पर जब एक्शन लेना होता है ढीले पड़ जाते हैं।
चंदौली पुलिस, जिला पंचायत राज अधिकारी व जिला विकास अधिकारी की बातें सुनेंगे तो आपको लगेगा कि कितने जिम्मेदार व मेहनती अफसर हैं ये लोग कितनी इमानदारी व जिम्मेदारी से अपना काम करते हैं। उन्हें खबरें पढ़ने की फुरसत नहीं होती जिससे उन्हें ऐसे लोगों के बारे में जानकारी मिल सके। तभी जिले में पिछले तीन-चार महीने से मीडिया की सुर्खियों में बने रहने वाले मामले में इस तरह के जवाब दे रहे हैं।
चंदौली जिले में जिला विकास अधिकारी व जिला पंचायतराज अधिकारी का कार्यालय आधा किलोमीटर की दूरी पर है। दोनों अधिकारी सप्ताह भर में तीन-चार मीटिंग में साथ मिला जुला भी करते हैं। आपस में दुआ सलाम भी खूब होता है..पर घोटाले के आरोपी आशीष कुमार साहनी और संजीव कुमार सिंह के उपर कार्रवाई करने की बात नहीं होती। आखिर क्यों…
हर कोई यहीं जानता है कि जब कोई बड़ा घोटाला होता है तो उसमें जितनी ज्यादा जांच होती है उतना ज्यादा हिस्सा बंटता है…पर कार्रवाई के नाम पर क्या होता है..किसको सजा होती है…गायब हुए पैसे का क्या होता है…इसका जवाब किसी को नहीं मिलता। इस मामले में भी यही होता नजर आ रहा है।
नौगढ़ से हटाया सदर में दिया चार्ज
नौगढ़ में करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपी आशीष कुमार साहनी और संजीव कुमार सिंह को बचाने के लिए उनको नौगढ़ से हटाकर सदर ब्लाक में तैनात कर दिया है ताकि यह घोटालेबाज यहां भी अपनी कलाकारी दिखा सकें और अपने साथ साथ साहब लोगों की जेबें गर्म करते रहें। बाकी की डीलिंग साहब लोग मिल बैठकर कर ही लेंगे।
जब भी इन पर कार्रवाई की बात होती है तो दोनों अधिकारी मीडिया से केवल झूठ बोलते हैं या कोई बढ़िया सा बहाना बता देते हैं। वैसे तो कहा जाता है कि दोनों साहब अपने अपने स्तर से इन बेईमान कर्मचारियों को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, तभी तो नौगढ़ से हटाकर मामले में जांच और कार्यवाही करने की बजाय उन्हें सदर ब्लॉक में तैनात करके अब यहां लूटने का मौका दे रहे हैं।
कागजों में खोज रही पुलिस
नौगढ़ में करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपी आशीष कुमार साहनी और संजीव कुमार सिंह को चंदौली जिले के सदर ब्लाक में नौकरी करने की बात जानकर भी अनजान बनी है। नक्सल इलाके की पुलिस इन को कागजों में खोज रही है। इनके खिलाफ अलग-अलग मामलों में एफ आई आर दर्ज है, और इनके खिलाफ कार्यवाही के आदेश कई महीने पहले दिए जा चुके हैं। पर पुलिस को घर पर मिलते ही नहीं है और बाकी जगह पुलिस खोजती भी नहीं है।
जिला पंचायत राज अधिकारी बोले
इस मामले पर जिला पंचायत राज अधिकारी महोदय का कहना है कि एफआईआर हमारे विभाग की तरफ से करा दी गई है। अब आगे की कार्यवाही पुलिस और नियुक्ति विभाग वाले अधिकारी को करनी है। अगर इसमें कोई हीला हवाली हो रही है तो इसका जवाब पुलिस और जिला विकास अधिकारी ही दे सकते हैं।
जिला विकास अधिकारी बोले
वहीं इस मामले में जिला विकास अधिकारी पद्मकांत शुक्ला का कहना है कि आशीष कुमार साहनी और संजीव कुमार सिंह का मामला नौगढ़ में शौचालय के घोटाले से संबंधित है। वहां पर घोटाले के आरोप में डीपीआरओ कार्यालय द्वारा F.I.R. तो करा दी गई थी, लेकिन अभी तक उनके कार्यालय में वह फाइल नहीं आई है, जिसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। ना ही इसके बारे में कोई पहल की गई है। ऐसी स्थिति में इनके खिलाफ कार्यवाही कैसे की जा सकती है।
अब मामला संज्ञान में आया है। इन कर्मचारियों के खिलाफ जांच से जुड़ी फाइल के साथ डीपीआरओ कार्यालय की आख्या मांगी गई है। उसके बाद जैसी स्थिति बनेगी भी मार्च के अंतिम महीने तक इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही कर दी जाएगी।
जिला विकास अधिकारी ने यह भी कहा कि उन दोनों कर्मचारियों को सदर ब्लाक में नियुक्ति इसलिए की गई है, क्योंकि विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों की कमी है। अगर उनके खिलाफ जांच में कोई सत्यता पाई जाती है और उन्हें दोषी ठहराया जाता है तो विभाग के द्वारा भी सख्त कार्यवाही की जाएगी।
यह है पुलिस का कहना
सीओ नक्सल नीरज सिंह का कहना है की चार्जशीट लगाने हेतु चकरघट्टा और नौगढ़ के थानाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं। जल्द से जल्द मामले में कार्रवाई होगी।
वहीं इंस्पेक्टर राम उजागिर का कहना है कि एडीओ पंचायत नौगढ़ से सत्यापन रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद चार्जशीट दाखिल करेंगे।
अब आप सारे मामले को खुद जानकर समझने की कोशिस करिए कि किसके पास न्याय व कार्रवाई की आस लेकर जाना है और किससे कार्रवाई की उम्मीद करना है।