इस वजह से हो गयी थी आईसीयू में नवजात बच्चे की मौत, दूध पिलाने वाली मां को देना चाहिए ध्यान  ​​​​​​​

पं. कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला अस्पताल के एनआईसीयू में 13 जुलाई को सुंडेहरा गांव निवासी रामबाबू के नवजात बच्चे की मौत पर परिजनों ने हंगामा किया था।
 
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 बच्चे की मौत पर परिजनों ने किया था हंगामा

पीएम रिपोर्ट में आया चौकाने वाला तथ्य

 चिकित्सकों ने कहा, सबको समझना जरूरी

चंदौली जिले के पं. कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला अस्पताल के एनआईसीयू में 13 जुलाई को सुंडेहरा गांव निवासी रामबाबू के नवजात बच्चे की मौत पर परिजनों ने हंगामा किया था। उन्होंने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया था।

वहीं चिकित्सकों का कहना है कि मां का दूध पिलाने के बाद नवजात को सीधे सुला दिया गया था। इससे दूध नवजात के फेफड़ों में चला गया और उसकी मौत हो गई। यह चौंकाने वाला तथ्य पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया है।

सीएमएस डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया अगर इस तरह की लापरवाही कोई करता है, तो नवजात को परेशानी हो सकती है। मां अपने नवजात को स्तनपान कराने के बाद उसे कंधे से चिपकाकर उसकी पीठ पर थपकी जरूर देनी चाहिए। दूध पिलाने के बाद तत्काल बच्चे को लिटाना नहीं चाहिए। ऐसे में बच्चों की जान जा सकती है।

उन्होंने कहा कि बच्चों की स्तनपान कराते समय विशेष सावधानी बरतनी की अपील की है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि मां को स्तनपान की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह बच्चे के लिए फायदेमंद होता है। मां का दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह बच्चों को बीमारियों और संक्रमण से बचाने में मदद करता है। कहा कि दूध पिलाने के बाद बच्चों को चिपकाकर पीठ पर थपकी अवश्य देनी चाहिए।