खर्चे का पैसा न देने पर चौकी में बंद कर पीटते हैं सिपाही, एसपी के दरवाजे पहुंची शिकायत
 

ताजा मामला बलुआ थानाक्षेत्र के मारूफपुर चौकी पर तैनात दो पुलिस कर्मियों के उपर युवक के साथ मारपीट करके घायल करने का मामला सामने आया हैं।
 

जमीन मामले में पैसा ना देने पर इमरान को 2 कांस्टेबलों ने चौकी के अंदर पीटा

पीड़ित ने एसपी से लगाई न्याय की गुहार, युवक घायल

चंदौली जिले के बलुआ थाना अंतर्गत मारूफपुर पुलिस चौकी पर तैनात दो कांस्टेबल ने जमीन मामले में पैसा ना देने पर एक व्यक्ति को चौकी के अंदर ले जाकर जमकर धुलाई की। युवक और उसकी मां पुलिस अधीक्षक को लिखित तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई। हालांकि अब देखना है कि पुलिस अधीक्षक जांच करके क्या कार्रवाई करते हैं।

आपको बता दें कि पुलिस अधीक्षक अपने कर्मचारियों को कई बार समझाया है कि जमीन मामले में ना पड़ें, यह राजस्व का मामला है। लेकिन इनके कांस्टेबल पैसे की आड़ में जमीन मामले में दिलचस्पी दिखाते हैं और अपने उच्च अधिकारियों की बात पर ध्यान नहीं देते।

ताजा मामला बलुआ थानाक्षेत्र के मारूफपुर चौकी पर तैनात दो पुलिस कर्मियों के उपर युवक के साथ मारपीट करके घायल करने का मामला सामने आया हैं। सोमवार को घायल युवक इमरान और उसकी मां शहाना ने एसपी कार्यालय में दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ लिखित तहरीर दिया। बताया कि पड़ोसी से भूमि संबंधित विवाद चल रहा हैं। इसी मामले में दूसरे पक्ष से पैसा लेने के बाद चौकी पर तैनात पुलिस कर्मी पवन कुमार और अरविंद यादव ने उनके बेटे की जमकर पिटाई कर दिया हैं।

दरअसल, बलुआ थानाक्षेत्र के मुकुंदपुर निवासी शहाना का उनके पड़ोसी से जमीन संबंधित विवाद चल रहा हैं। इसी मामले को लेकर कुछ दिन पहले लिखित आवेदन लेकर इमरान मारूफपुर पुलिस चौकी पर गया था। जहां उसने पुलिस कर्मियों से पड़ोसी के द्वारा बार-बार विवाद करने की घटना का उल्लेख किया गया। शहाना ने बताया कि उनके पुत्र की बात सुनने के बाद चौकी पर तैनात अरविंद यादव और पवन कुमार ने कुछ खर्च देने की बात कही। जिसपर उनके बेटे ने पुलिस कर्मियों को ऐसा व्यवहार नहीं करने का सुझाव दिया। यह सुनने के बाद पुलिस कर्मी उनके बेटे को चौकी के अंदर ले जाकर जमकर धुनाई की। जिससे इमरान के चेहरे, गर्दन और पीठ में कई जगह चोट के निशान बन गए हैं।

बताया कि ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसपी कार्यालय में लिखित तहरीर दिया गया हैं। उम्मीद हैं कि पीड़ित के साथ पुलिस प्रशासन के अफसर जरूर न्याय करेंगे। हालांकि अब देखना है कि पुलिस अधीक्षक ऐसे कांस्टेबल पर क्या कार्रवाई करते हैं।