न वेतन मिल रही और न ही सुविधा, कैसे भूखे पेट कर्मचारी करेंगे जानवरों की देखभाल, हर रोज मर रहे जानवर
चंदौली के कुशहा पशु आश्रय स्थल पर दर्दनाक मौतें
चारा-पानी के अभाव में मवेशी दम तोड़ रहे
कर्मचारी भी धन व सुविधाओं के अभाव में बेहाल
चंदौली जिले के बरहनी विकास खंड अंतर्गत कुशहा सलेमपुर गांव में स्थित पशु आश्रय स्थल पर हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। यहां चारा और पानी की भारी किल्लत के चलते मवेशी एक-एक कर दम तोड़ रहे हैं। लगभग 200 मवेशियों की क्षमता वाले इस आश्रय स्थल में वर्तमान में करीब 70 पशु हैं, लेकिन पर्याप्त संसाधनों के अभाव में उनकी जान जा रही है।
कर्मचारियों को आठ महीने से नहीं मिला वेतन
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि मृत पशुओं की दुर्गंध से उनका जीवन दूभर हो गया है। सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि इन बेजुबानों की सेवा में लगे चार कर्मचारियों को पिछले आठ महीनों से वेतन नहीं मिला है। एक कर्मचारी ने दर्द बयां करते हुए कहा, "हम लोग पूरी ईमानदारी से सेवा कर रहे हैं, लेकिन बिना वेतन के अब गुज़ारा करना मुश्किल हो गया है। घर चलाना मुश्किल हो गया है।" वेतन न मिलने के कारण इन कर्मचारियों के परिवार गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
अधिकारी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
इस गंभीर लापरवाही और मानवीय संकट पर जब बरहनी विकासखंड के खंड विकास अधिकारी (BDO) रत्नेश कुमार सिंह से सवाल किया गया, तो उन्होंने मामले को संज्ञान में लिया। BDO ने तत्काल मौके पर निरीक्षण करने और इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति के लिए उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।
यह पशु आश्रय स्थल सरकारी उदासीनता का जीता-जागता उदाहरण बन गया है, जहां बेजुबान जानवर भूख और प्यास से मर रहे हैं, और उनकी सेवा करने वाले कर्मचारी भी आर्थिक तंगी के शिकार हैं।