12 अप्रैल से 15 मई तक कक्षा 1 से 12 तक के विद्यालय का संचालन कराने की मांग
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उत्तर प्रदेश में बंद पड़े प्राइवेड विद्यालय के प्रदेश संयोजक ने अपनी समस्याओं को बताते हुए कोविड-19 के पर्याप्त सुरक्षा मानकों का पालन कराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को पत्र लिख कर सशर्त 12 अप्रैल से 15 मई तक कक्षा 1 से 12 तक के विद्यालय का संचालन कराने की मांग की है ।
बताते चले कि कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत मार्च 2020 से स्कूल बंद चल रहे थे। बीच में कुछ दिनों के लिए विद्यालय खुले पर कोरोना के बढ़ते केस को ध्यान में रखते हुए इधर 23 मार्च से 11 अप्रैल 2021 तक पुनः बंद कर दिए गए हैं।
प्रदेश संयोजक विनय कुमार वर्मा इस पत्र के माध्यम से यह कहना चाहते है कि नौनिहालों का जीवन किसी भी अन्य चीज से सर्वोपरि है। इसी को ध्यान में रखते हुए सभी विद्यालय सरकार के हर आदेश/निर्देश का अक्षरश: पालन कर रहें है लेकिन इसके साथ ही वर्तमान पीढ़ी का शिक्षित होना भी निहायत जरूरी है। एक साल से अधिक समय से उनकी पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित है। कुछ विद्यालयों को छोड़ दिया जाए तो अन्य विद्यालयों के अधिकांश अभिभावकों के पास एनराएड फोन न होने की वजह से उनके बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई भी नहीं कर पा रहें हैं।
अभिभावकों द्वारा मासिक शिक्षण शुल्क न दिए जाने के कारण विद्यालय अपने शिक्षक तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को उचित वेतन नहीं दे पा रहें हैं। इससे उनके परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं। जो निजी विद्यालय किराए अथवा लीज की इमारत में चल रहे थे, किराया न दे पाने के कारण उनके विद्यालय बंद हो चुके हैं। विद्यालय के संचालक व उसमें पढ़ाने वाले शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की हालत अब बिल्कुल खराब हो चुकी है। विद्यालय के सामान्य खर्चे वैसे ही हैं। वाहनों के क़िस्त,इंश्योरेंस, बिजली के बिल, बैंक के क़िस्त, वेतन आदि।
विद्यालयों में नए एडमिशन अप्रैल के महीने में ही होते हैं। पिछले साल मार्च 2020 में ही लॉकडाउन लग गया तो किसी भी विद्यालय में नए एडमिशन नहीं हुए। इस साल भी 23 मार्च 2021 से छुट्टी हो गई है। अगर यह छुट्टी आगे बढ़ती है तो स्कूल व शिक्षा जगत से जुड़े हमसब एकदम बर्बाद हो जाएंगे।
हम आपसे सविनय निवेदन करते हैं कि 12 अप्रैल 2021 से 15 मई 2021 तक पूरी तरह कोरोना एसओपी का पालन कराते हुए विद्यालय खोलने की अनुमति प्रदान की जाएं। वहीं 15 मई से 30 जून तक विद्यालय पूरी तरह से बंद रखा जाए। ऐसा करने से शिक्षा जगत से जुड़े बहुत बड़े तबके का भला होगा और बच्चों की कुछ पढ़ाई व परीक्षाएं भी सम्पन्न हो जाएंगी।