प्रवासी मजदूर नहीं कौशल युक्त व्यक्ति कहे- डॉ रणधीर सिंह

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show कोरोना महामारी ने पूरे वैश्विक जगत को हर प्रकार से प्रभावित किया है । इस कोरोना युग में अगर सर्वाधिक समस्याओं का किसी ने सामना किया है तो वह है प्रवासी मजदूर। प्रवासी मजदूर को भारत एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था का बैकबोन या रीड माना जाता है और वह भारतीय अर्थव्यवस्था का निर्धारण भी करता है
 

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कोरोना महामारी ने पूरे वैश्विक जगत को हर प्रकार से प्रभावित किया है । इस कोरोना युग में अगर सर्वाधिक समस्याओं का किसी ने सामना किया है तो वह है प्रवासी मजदूर। प्रवासी मजदूर को भारत एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था का बैकबोन या रीड माना जाता है और वह भारतीय अर्थव्यवस्था का निर्धारण भी करता है क्या उसे समाज में सम्मान से जीने का अधिकार नहीं है.. ?

 

डॉक्टर रणधीर सिंह एसोसिएट प्रोफेसर, शारीरिक शिक्षा विभाग एवं समाजसेवी ने इंटरनेशनल सोशियोलॉजिकल प्लेटफार्म के माध्यम से प्रवासी मजदूरों की समस्याएं विषय पर व्याख्यान देते हुए साझा किया ।

प्रवासी मजदूर एवं मजदूर जिस दिन कार्य करना बंद कर देगा उस दिन देश की अर्थव्यवस्था प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होगी। हमें अपने मूलभूत आवश्यकताओं से महरूम होना पड़ेगा ।

इस कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों ने कार्यस्थल से चलकर हजारों हजारों किलोमीटर की दूरी को अपने साहस ,हौसले, जज्बे से न सिर्फ मापा है वरन यह प्रमाणित किया है कि जुनून से हर जंग एवं महामारी को पराजित किया जा सकता है। आज जब किसी भारतीय उद्योगपति को उद्योग के क्षेत्र में विश्व में शीर्ष स्थान प्राप्त होता है तो वह स्थान उस उद्योगपति का ही नहीं यद्यपि उस प्रवासी मजदूर के श्रम मेहनत एवं पसीने का भी है जो उस उद्योग में कार्य करते हैं ।मैं यह तथ्य शासन में बैठे उच्चाधिकारियों से विनम्रता पूर्वक आग्रह करता हूं कि प्रवासी मजदूर को उसका हक उस को सम्मान दिलाने में प्रत्येक भारतीय को आगे आना चाहिए। उसे प्रवासी मजदूर कहना उसके श्रम एवं मेहनत का अपमान है। जिस प्रकार घर में कार्य करने वाली गृहणी को हम होम इंजीनियर की संज्ञा दे सकते हैं, विकलांगता से ग्रस्त साथियों को सम्मान पूर्वक जीवन प्रदान करने के लिए उन्हें दिव्यांगजन की संज्ञा दी जा सकती है उसी प्रकार समस्त भारतीय मजदूरों एवं प्रवासी मजदूरों को स्किल्ड पर्सन (कौशल युक्त व्यक्ति) या इकोनामी बूस्टर (अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाले व्यक्ति) की संज्ञा दी जानी चाहिए।

उक्त बातें डॉक्टर रणधीर सिंह एसोसिएट प्रोफेसर, शारीरिक शिक्षा विभाग एवं समाजसेवी ने इनकी उपयोगिता बताते हुए सम्मान करने के लिए कही।