राज्यसभा में दर्शना सिंह ने 'तटीय पोत परिवहन विधेयक 2025' को बताया विकसित भारत की दिशा में मील का पत्थर

सांसद ने अपने भाषण में बताया कि यह विधेयक पुराने, जटिल और बिखरे हुए कानूनों को हटाकर एक सरल, पारदर्शी और समग्र ढांचा प्रस्तुत करता है।
 

राज्यसभा में तटीय पोत परिवहन विधेयक 2025 पर दर्शना सिंह का समर्थन भाषण

प्रधानमंत्री मोदी के विजन 2047 से जोड़ा विधेयक को

जटिल समुद्री कानूनों को खत्म कर लाया जाएगा पारदर्शी ढांचा

तटीय राज्यों की अर्थव्यवस्था को होगा बड़ा लाभ

राज्यसभा में आज भाजपा सांसद दर्शना सिंह ने तटीय पोत परिवहन विधेयक 2025 पर चर्चा में भाग लेते हुए इस ऐतिहासिक विधेयक का जोरदार समर्थन किया। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

उन्होंने कहा कि यह विधेयक भारत के तटीय क्षेत्रों को आर्थिक रूप से मजबूत करेगा, हरित परिवहन को बढ़ावा देगा और भारत की वैश्विक लॉजिस्टिक्स क्षमता को सशक्त बनाएगा। सांसद दर्शना सिंह ने इसे मोदी सरकार की विकसित भारत 2047 की संकल्पना से जोड़ते हुए कहा कि यह विधेयक उस दूरदृष्टि का व्यवहारिक उदाहरण है।

सांसद ने अपने भाषण में बताया कि यह विधेयक पुराने, जटिल और बिखरे हुए कानूनों को हटाकर एक सरल, पारदर्शी और समग्र ढांचा प्रस्तुत करता है। इससे तटीय पोत परिवहन व्यवस्था अधिक सुव्यवस्थित, सुरक्षित और कुशल बनेगी, जिससे व्यापार को गति मिलेगी और स्थानीय अर्थव्यवस्थाएं सशक्त होंगी।

उन्होंने जोर देकर कहा कि तटीय पोत परिवहन, सड़क और रेल परिवहन की तुलना में अधिक ऊर्जा कुशल और पर्यावरण के अनुकूल है। यह कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा और भारत के जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होगा। यह विधेयक ‘ग्रीन इंडिया’ अभियान और ‘ब्लू इकोनॉमी’ के उद्देश्यों को भी मजबूत करता है।

दर्शना सिंह ने कहा कि इस विधेयक के लागू होने से तटीय राज्यों में स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मछुआरा समुदाय, बंदरगाह कर्मी, परिवहन सेवा प्रदाता और शिपिंग इंडस्ट्री के हजारों लोग इससे लाभान्वित होंगे। उन्होंने इसे ‘अंत्योदय’ के मूल मंत्र अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने से जोड़ा।

महिला सशक्तिकरण का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि समुद्री परिवहन क्षेत्र में महिलाओं को अवसर देकर महिला नेतृत्व को भी बढ़ावा दिया जा सकता है।

समापन में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी जी और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह विधेयक केवल समुद्री कानून नहीं, बल्कि देश के भविष्य की दिशा तय करने वाला ऐतिहासिक कदम है।