राष्ट्रीय आजीविका मिशन की समूह सखियों ने मांगा मानदेय, मुख्यमंत्री के नाम भेज रही हैं अपना संदेश        

 राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत काम करने वाली समूह सखियों ने बिछिया धरना स्थल  पर मीटिंग किया। समूह सखियों के मानदेय को लेकर आज जिले की नौ ब्लाकों की समूह सखियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा।  
 

समूह सखियों के मानदेय की मांग

जिलाधिकारी कार्यालय को सौंपा ज्ञापन

समूह सखियों के लिए मांगा पारिश्रमिक

चंदौली जिले में आज राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत काम करने वाली समूह सखियों ने बिछिया धरना स्थल  पर मीटिंग किया। समूह सखियों के मानदेय को लेकर आज जिले की नौ ब्लाकों की समूह सखियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा।  

इस सम्बन्ध में समूह सखी संघर्ष मोर्चा की जिलाध्यक्ष गीता मौर्या ने कहा कि समूह सखी सरकार और महिलाओं के बीच एक सेतु का काम करती है। जैसे इस मिशन में काम करने वाली बैंक सखी, मेठ सखी, कृषि सखी, उद्योग सखी, विद्युत सखी के साथ साथ बी एम एम,व्बूककीपर और कम्प्यूटर चालक को बकायदा महीने का मानदेय मिलता है। पर दिन रात काम करने वाली समूह सखियों को कुछ भी आर्थिक सहायता नही मिलती। जो मिशन के महिलाओं के साथ भेदभाव है।

 वही  मोर्चे की संयोजक राजेश्वरी चतुर्वेदी ने कहा कि समूह सखियां अपने पैसे से महिलाओ को बैंक से लेकर आने जाने और पैसे को बंटवाने से लेकर जमा करवाने के साथ साथ समूहो की प्रतिदिन  मीटिंग करती है। इस काम के साथ अन्य काम जैसे सर्वे का काम भी सखियों से लिया जाता है। साथ ही सारे सर्वे के डाटे एंड्रॉयड फोन के जरिये भेजना  नियत है। इसके लिए समूह सखी मोबाईंल भी रखकर, उसका हर महीने रिचार्ज करवाती है। जिसके लिए समूह सखियों को कोई आर्थिक सहायता नही मिलती है। ये सरकार का एक तरह से शोषण है। हमारे प्रधानमान्त्री द्वारा लखपति दीदी की बात करना बेमानी जैसा है। हम समूह सखियों की मन की बात कौन कहेगा और कौन सुनेगा। 

सचिव कृष्णवती देवी ने कहा कि जब तक समूह सखियों को उनका पारिश्रमिक नही मिलेगा, तब तक सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष जारी रहेगा। जरूरत पड़ी तो समूह की महिलाएं लखनऊ में विधान सभा घेरने का काम करेंगी। मीटिंग में तमाम ब्लाकों से  मुख्यतः  गीता देवी, जानकी देवी, रानी देवी, निशा कुमारी, राजवंती देवी, सरोज़ा, हीरावती देवी, संचना देवी, नीतू देवी, आरती पटेल, उमरावती  देवी, बसंती देवी, रेखा, उषा देवी, सावित्री, रीता देवी, विमला देवी, रीता देवी, सरोज देवी, आशा देवी, कृष्णवती देवी आदि पचासों  समूह सखी मौजूद रही। संचालन राजेश्वरी चतुर्वेदी और अध्यक्षता गीता मौर्या ने किया।