संतोष पाठक ने वकीलों को कोरोना वैक्सीन लगाने की मांग को लेकर प्रशासन को दी चेतावनी

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के मुख्यालय निर्माण संघर्ष समिति की एक आपात बैठक सिविल कोर्ट चंदौली के तहसील परिसर में संपन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए समिति के प्रभारी वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार पाठक ने अधिवक्ताओं को अति शीघ्र कोविड की वैक्सीन लगाने की मांग की। संतोष कुमार पाठक ने कहा कि अधिवक्ताओं का काम सबसे
 

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चंदौली जिले के मुख्यालय निर्माण संघर्ष समिति की एक आपात बैठक सिविल कोर्ट चंदौली के तहसील परिसर में संपन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए समिति के प्रभारी वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार पाठक ने अधिवक्ताओं को अति शीघ्र कोविड की वैक्सीन लगाने की मांग की।

संतोष कुमार पाठक ने कहा कि अधिवक्ताओं का काम सबसे जोखिम भरा होता है। पूरे कोरोना कॉल में अधिवक्ताओं ने सबसे ज्यादा जोखिम उठाकर लोगों को न्याय दिलाने का काम किया है । पूरे देश की कचहरियों में सबसे ज्यादा भीड़ होती है। सबसे भीड़ भाड़ वाला स्थान कोर्ट होती है। फिर भी आज तक अधिवक्ताओं का वैक्सीनेशन करने पर किसी सरकार का ध्यान नहीं है ।

आज जब पूरे देश में कोरोना का नया स्ट्रेन फिर से तेजी वापस आने लगा है। कई शहरों में लॉक डाउन लग गया है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं को कोविड की वैक्सीन लगाने का कोई प्लान अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार ने तैयार नहीं किया है और न ही राष्ट्रीय स्तर पर ऐसा कोई प्लान बना है।

संतोष कुमार पाठक ने मांग की कि प्रदेश के उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं को अति शीघ्र कोविड की वैक्सीन लगाई जाए नहीं तो अधिवक्ता सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे सिविल बार के पूर्व महामंत्री धीरेंद्र प्रताप सिंह दाढ़ी ने कहा कि अधिवक्ताओं को कोरोना से बचाव हेतु कोई सुरक्षित उपाय सरकार ने अभी तक नहीं किया है। अधिवक्ताओं को अति शीघ्र वैक्सीन लगाई जानी चाहिए अन्यथा उग्र आंदोलन किया जाएगा।

सिविल बार एसोसिएशन चंदौली के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा के प्रति उत्तर प्रदेश सरकार और देश की सरकार बिल्कुल लापरवाह है, इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, अधिवक्ताओं का शीघ्र कोविड वैक्सीनेशन होना चाहिए।

बैठक में प्रमुख रूप से अनंत कुमार सिन्हा , महमूद आलम, शमसुज्जमा, विजय श्रीवास्तव ,सत्येंद्र बिंद, प्रतिमा दूबे ,दीनानाथ सिंह आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।