अपनी मांगों को लेकर राज्यसभा सांसद से मिले शिक्षामित्र
 

बैठक में सहमति भी हुई कि शीघ्र ही सभी शिक्षामित्रों की समस्याओं का निस्तारण हो जाएगा, परन्तु अभी तक किसी भी प्रकार का कोई निस्तारण नहीं हो पाया।
 

प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने सांसद को बतायी समस्या

राज्यसभा सांसद को चार सूत्रीय ज्ञापन सौंपा

नई शिक्षा नीति में शिक्षामित्रों के भविष्य पर चर्चा

चंदौली जिले के उ.प्र. प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले शिक्षामित्रों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यसभा सांसद साधना सिंह से मिला। इस दौरान शिक्षामित्रों ने राज्यसभा सांसद को चार सूत्रीय ज्ञापन सौंपा और नई शिक्षा नीति में शिक्षामित्रों के भविष्य को सुरक्षित किए जाने की मांग की।

इस दौरान जिलाध्यक्ष इंद्रजीत यादव अजीत ने कहा कि जब उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों की दिशा और दशा बहुत ही दयनीय थी, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की सरकार द्वारा सितम्बर 2000 से शिक्षामित्रों की नियुक्ति की। इसका परिणाम सकारात्मक दिखा तो सभी विद्यालयों में अध्यापकों के अनुपात को पूरा करने के लिए शिक्षामित्रों की अनवरत नियुक्तियां की गई और सरकार की मंशा को शिक्षामित्रों ने पूरा किया। ऐसे में प्रदेश के अधिकांश बन्द विद्यालय खुल गए।

प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लौट आयी। कहा कि सरकार द्वारा दूरस्थ विधि से बीटीसी प्रशिक्षण कराया गया और तत्कालीन सरकार द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन सहायक अध्यापक पद पर किया गया, लेकिन उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समायोजन रद्द कर दिया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री से कई बार वार्ता हुई। बैठक में सहमति भी हुई कि शीघ्र ही सभी शिक्षामित्रों की समस्याओं का निस्तारण हो जाएगा, परन्तु अभी तक किसी भी प्रकार का कोई निस्तारण नहीं हो पाया।

आज शिक्षामित्र अपने भविष्य को लेकर बहुत ही चिन्तित है। आज हम 24 वर्षों की सेवा के बाद अपने-अपने घर की जिम्मेदारियों तले दबे हुए हैं। मां-बाप की दवाई,बच्चों की पढ़ाई,यही नहीं हमारे बेटे-बेटियों की शादी का बोझ भी हमारे ऊपर है। ऐसी विषम परिस्थिति में शिक्षामित्रों की आर्थिक स्थिति का समाधान कराकर नया जीवन प्रदान करें। मांग किया कि शिक्षामित्रों को समान कार्य के बदले समान वेतन/मानदेय देते दिया जाए। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा 14 नवंबर 2023 को राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट को लागू किया जाए।

नई शिक्षा नीति में शिक्षामित्रों की 24 वर्ष की सेवाओं को देखते हुए समायोजन हेतु नियमों में संशोधन कराकर शिक्षामित्रों का भविष्य सुरक्षित किया जाए। शिक्षामित्रों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के साथ ही ईपीएफ से आच्छादित किया जाए। साथ ही शिक्षामित्रों को आयुष्मान योजना से जोड़कर उन्हें लाभान्वित किया जाए।

 इस अवसर पर मनोरमा सिंह, पूजा सिंह, सुनीता मौर्य, कल्पना, मंजू, जेपी सिंह, अजीत तिवारी, लालजी रामकरन, मनोज तिवारी, राजन राय, दामोदर, जय प्रकाश पांडेय, जसवंत, प्यारेलाल मौर्य , अविनाश,राजेश सिंह, युनूस, नन्दलाल गिरी आदि उपस्थित रहे।