किसान आंदोलन के समर्थन में कल निकाली जाएगी ट्रैक्टर रैली : जितेंद्र सिंह

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आवाहन पर तहसीलों में सपा के नेता जितेंद्र सिंह यादव (जीतू यादव) के नेतृत्व में कल 26जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर काले कानून के विरोध में व किसानों के समर्थन में तहसील पर ट्रैक्टर रैली निकाल तहसील का घेराव
 

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चंदौली जिले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आवाहन पर तहसीलों में सपा के नेता जितेंद्र सिंह यादव (जीतू यादव) के नेतृत्व में कल 26जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर काले कानून के विरोध में व किसानों के समर्थन में तहसील पर ट्रैक्टर रैली निकाल तहसील का घेराव किया जाएगा ।

इस दौरान सपा नेता जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह किसान विरोधी तानाशाही सरकार से हम तंग आ चुके हैं जो कानून हमे पसंद नहीं सरकार हम किसानों पर जबरदस्ती क्यो थोपना चाह रही है । यह पूंजी पतियों की सरकार हमेशा उच्च वर्ग के हित में लगातार कार्य कर हम निम्न वर्ग के किसानों का शोषण व हमारी आवाज को दबाने का कार्य कर रही हैं। तानाशाही सरकार कह रही है कि हम मंडियों में सुधार के लिए यह कानून लेकर आ रहे हैं। लेकिन, सच तो यह है कि कानून में कहीं भी मंडियों की समस्याओं के सुधार का जिक्र तक नहीं है। हर बदलाव को सुधार नहीं कहा जा सकता है, कुछ विनाश का कारण भी बन सकते है।

देश ने ऐति‍हासिक सुधार के नाम पर नोटबंदी को झेला और भयावह परिणाम देखने को मिले। इस एक कदम से लाखों लोगों की नौकरियां और सैकड़ों लोगों की जिन्दगी खत्म हो गईं। जीएसटी को भारत की आर्थिक आजादी के रूप में दिखाया गया। दो फीसदी जीडीपी बढ़ाने का दावा किया गया।जीएसटी आधी रात में आ तो गया लेकिन, कभी जीडीपी को ऊपर नहीं बढ़ा पाया अलग से अर्थव्यवस्था को और नीचे लेकर चला गया।

कोविड-19 से लड़ने के नाम पर पूरे देश में महज 4 घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन किया गया। 21 दिन की अभूतपूर्व लड़ाई बताई गई। कोरोना तो खत्म नहीं हुआ लेकिन, हजारों प्रवासी मजदूरों की जिन्दगी देश की सड़कों पर खत्म हो गईं। लाखों नौकरियां चली गईं। अर्थव्यवस्था निगेटिव हो गई। अब इतिहास बनाने के नाम पर किसानों को चुना गया है। एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने द्वारा लाए गए सुधारों को नई आजादी के रूप में प्रचारित किया है। संसद ने किसानों के लिए 3 नए कानून बनाए हैं। जो किसानों को लिए विनाशकारी है । जिसका विरोध करने के लिए ट्रेक्टर रैली निकाल तहसीलों का घेराव किया जाएगा।