चंदौली जिले में चलेगा विशेष टीकाकरण अभियान, मिलेंगी यह सुविधाए
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चंदौली जिले में 26 नवम्बर 2020 में कोरोना काल में नियमित टीकाकरण सत्र की सेवाए बंद कर दी गयी थी, जिससे कुछ परेशानियाँ हुई, लेकिन अब उन सेवाओं को फिर से शुरू किया जा चुका हैं। साथ ही विशेष टीकाकरण अभियान के तहत सप्ताह में तीन दिवसीय सोमवार, बुधवार और शनिवार को सुविधा दी जा रही हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर के मिश्रा ने बताया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुये 23 मार्च से लगाए गए लॉकडाउन से अनलॉक तक जनपद में साप्ताहिक व विशेष टीकाकरण सत्र के दौरान गर्भवती और बच्चों का टीकाकरण किया गया। इस दौरान कोरोना से बचाव एवं रोकथाम के लिए मास्क, सोशल डिस्टैंसिंग का विशेष ख्याल रखा गया। उन्होने बताया कि गर्भवतियों व बच्चों को टीका लगाने के लिये आशा और एएनएम कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर टीका से छूटे गर्भवती, बच्चों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर सुविधायें दी जा रही हैं । इस दौरान बच्चों को बीसीजी, पैंटा वैक्सीन 1-2-3, पोलियो ड्रॉप, रोटा वायरस वैक्सीन, आईपीवी का टीका, डीपीटी बूस्टर-1 टीका, मीजल्स-रूबेला आदि के टीके लगाए जा रहे हैं और साथ ही विटामिन-ए सिरप भी पिलाया जा रहा हैं।
डॉ मिश्रा ने बताया कि गर्भवती को लगने वाले टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका लगाया जा रहा है। साथ ही सभी की प्रसव पूर्व सभी जाँचे की जा रही हैं और उनको आयरन व कैल्शियम की गोली भी दी जा रही हैं । उन्होने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल नियम के पालन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मानव दूरी, मास्क, केन्द्रों पर सेनेटाइजर व थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है । साथ ही लाभार्थियों को साफ–सफाई और बार-बार साबुन से हाथ धोने की जानकारी भी दी जा रही है। उन्होने कहा कि बदलते मौसम और सर्दी में साफ-सफाई को नज़रअंदाज न करें।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एनएचएम) डॉ आर बी शरण ने बताया कि जनपद में गर्भवतियों और बच्चों के टीकाकरण की सुविधायें लगातार जारी हैं। अनलॉक के बाद जनपद के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण के लिए संख्या बढ़ी है। इसके अलावा घर-घर जा कर गर्भवती व बच्चों को टीके लगाने से होने वाले फायदे की जानकारी और समय-समय पर उचित सलाह देती रहती हैं। टीका लगने से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं ।
डॉ शरण ने बताया कि अप्रैल में पूर्ण रूप से लॉकडाउन होने के कारण एक भी बच्चे और गर्भवती को टीके नहीं लगे थे । मई में 4025 गर्भवती और 4486 बच्चों को टीके लगे। जून में 5751 गर्भवती और 5569 बच्चों, जुलाई में 4676 गर्भवती और 4550 बच्चों, अगस्त में 4485 गर्भवती और 4970 बच्चों, सितंबर में 4620 गर्भवती और 5332 बच्चों एवं अक्टूबर में 4441 गर्भवती और 4665 बच्चों को टीके लगे।
यह है नियमित टीकाकरण शेड्यूल
1) जन्म पर बीसीजी, हैपेटाइटिस – बी का टीका एवं पोलियो की खुराक (जीरो डोज़),
2) ढेढ़ माह पर पैंटावेलेंट -1, ओ॰पी॰वी -1, एफ – आई॰पी॰वी॰-1, रौंटा-1 एवं पी॰सी॰वी॰-1,
3) ढाई माह पर पैंटावेलेंट -2, ओ॰पी॰वी॰-2 रौटा -2,
4) साढ़े माह पर पैंटावेलेंट -3 ओ॰पी॰वी॰-3, एफ- आई॰पी॰वी॰-2 रोटा-3 एवं पी॰सी॰वी॰-2,
5) 9 से 12 माह पर एम॰आर॰ एवं जे॰ई॰ का पहला टीका, पी॰सी॰वी॰ बूस्टर डोज़, विटामिन “ए” की पहला खुराक,
6) 12 से 24 माह पर एम॰आर॰ एवं जे॰ई॰ का दूसरा टीका, डी॰पी॰टी॰ का बूस्टर टीका, ओ॰पी॰वी॰ की बूस्टर खुराक तथा विटामिन “ए” की खुराक हर छ: महीने पर पाँच साल तक,
7) 5 से 6 साल में डी॰पी॰टी॰ का दूसरा बूस्टर टीका।