श्रावण कृष्णपक्ष चतुर्दशी की रात आकाश में दिखा खास नजारा, आपने देखा या नहीं
 

लोगों ने कहा कि सावन माह में शंकर के स्वरूप का साक्षात दर्शन इस रूप में देखने को मिल रहा है,। ऐसा लग रहा है कि तारे शिव बारात में शामिल होने के बाद भोले बाबा की ससुराल से वापस आ रही है।
 

आकाश में कभी कभी दिखते हैं ये नज़ारे

ऐसी हलचल को देखकर आप भी हो जाएंगे दंग

देखिये कैसे चल रहे तारे 

चंदौली जिले में आकाश में कुछ इस प्रकार की हलचल देखने को मिली, जिसको देखकर लोग अचंभित हो रहे थे। एक ही साथ ऐसे तारों की ऐसी कतारें देखने को नहीं मिलती हैं। इसे देखकर लोग तरह-तरह की चर्चाएं भी कर रहे थे।
सावन के महीने में तारों की ऐसी स्थिति देखकर  लोगों में  कौतुहल  का विषय बना हुआ था कि आसमान में तारों के बीच इस तरह की हलचल होना अपने आप में किसी खगोलीय घटना का द्योतक है।

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बता दें कि सावन मास में कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि में (रविवार) लगभग 8:00 बज के 15 मिनट पर यह अद्भुत नजारा देखने को मिला। जिससे लोगों में तरह-तरह की बातें उठनी शुरू हो गई। वहीं कुछ लोगों ने इसे धार्मिक मानते हुए यह भी कह रहे थे कि शिव की बारात वापस जाने का यह संकेत है।

 सावन की शिवरात्रि के बाद इस तरह की हलचल सावन माह में कहीं न कहीं इस धार्मिक अध्यात्म को महत्व को बता रहा है।  उसके बाद अमावस्या होने के कारण आसमान में इस तरह की हलचल को देखकर लोग धर्म और आध्यात्म से जोड़ते हुए आपस में बातें कर रहे हैं।

 

लोगों ने कहा कि सावन माह में शंकर के स्वरूप का साक्षात दर्शन इस रूप में देखने को मिल रहा है,। ऐसा लग रहा है कि तारे शिव बारात में शामिल होने के बाद भोले बाबा की ससुराल से वापस आ रही है। लेकिन यह केवल अनुमान एवं चर्चा का ही विषय है।

 

  अब देखना है कि आसमान में दिखने वाली ऐसी घटनायें आगे भी जारी रहती हैं या इसे केवल एक अप्रत्याशित घटना ही कहा जाता है। इस हलचल का नजारा लोगों को देखने को मिला जो कि एक कतार में इतने प्रकाश देखते हुए आसमान में कुछ दूर जाते जाते खत्म होते भी नजर आ रहे थे और लोग इसका नजारा छत पर खड़े होकर या खुले आसमान के नीचे देख रहे थे जो कि चर्चा का विषय बना हुआ था।

सुबह होते ही सुबह होते ही लोग चट्टी चौराहों पर इस हलचल को लेकर तरह तरह की बात करने में जुट गए हैं और अपने विचार भी इस मुद्दे पर देते रहे हुए नजर आए ।