दारोगाजी हाजिर हों, कोर्ट ने दिया है थानाध्यक्ष को आदेश 

 

चंदौली जिले के परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ने पुलिस के एक दरोगा व थानाध्यक्ष को मानवाधिकार और मौलिक अधिकारों को ताक पर रखकर बिना वारंट गिरफ्तारी करने के मामले में नोटिस जारी किया है। साथ कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया है।

 बताया जा रहा है कि भरण-पोषण के मामले में बिना वारंट ही दरोगा जी ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया है। इससे दोनों के उपर कोर्ट की नजर टेढ़ी हो गयी है।

 मामले में पता चला कि विनोद पांडे द्वारा याची महिला को भरण पोषण की राशि अदा की जाती रही है। परंतु 27 जुलाई को और उसके पश्चात 17 सितंबर को विनोद पांडेय न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए और भरण पोषण की भी धनराशि नहीं अदा की, जिसके कारण 17 सितंबर को विपक्षी विनोद पांडे के विरुद्ध वसूली वारंट जारी किया गया, लेकिन उनके खिलाफ कोई गैर जमानती वारंट नहीं जारी हुआ था।

 इसके बावजूद जमालपुर थाने के उपनिरीक्षक रामायण तिवारी द्वारा विनोद पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया तथा वर्तमान थानाध्यक्ष जमालपुर द्वारा हिरासत में लेकर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इस मामले को देखते हुए उप निरीक्षक और थानाध्यक्ष के खिलाफ मूलधिकारों के उल्लंघन का मामला बन रहा है।

 न्यायालय ने इस मामले में उपनिरीक्षक रामायण तिवारी और जमालपुर के वर्तमान थानाध्यक्ष को 6 अक्टूबर को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया था। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने की बात कही गई थी, लेकिन वह दोनों 6 अक्टूबर को कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। 

फिलहाल इस मामले में अगली तारीख 26 अक्टूबर निर्धारित की गई है।  मूलधिकारों के उल्लंघन के इस मामले में अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता राहुल सिंह और गौरव सिंह द्वारा पैरवी की गई है।