लीजिए छुट्टी का आनंद : उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल 1 जनवरी तक बंद, कड़ाके की ठंड के चलते आदेश
12वीं तक के सभी स्कूल बंद
भीषण शीतलहर के कारण लिया गया फैसला
सरकारी और प्राइवेट स्कूलों पर आदेश लागू
कंबल वितरण और अलाव के सख्त निर्देश
उत्तर प्रदेश में हाड़ कंपा देने वाली ठंड और लगातार बढ़ रही भीषण शीतलहर को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्र हित में बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल 1 जनवरी तक बंद रहेंगे। यह आदेश कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के सभी स्कूलों पर लागू होगा, चाहे वे यूपी बोर्ड, सीबीएसई (CBSE) या आईसीएसई (ICSE) से संबद्ध हों। सरकार का यह कदम बच्चों को गंभीर ठंड और कोहरे से बचाने के लिए उठाया गया है।
प्रशासन को भ्रमणशील रहने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने केवल स्कूल बंद करने तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की है। उन्होंने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को निर्देश दिया है कि वे स्वयं क्षेत्रों में लगातार भ्रमणशील रहें। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि प्रशासन इस शीतलहर में पूरी तरह सतर्क और सक्रिय रहे ताकि किसी भी नागरिक को ठंड के कारण असुविधा न हो। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे स्थिति का जायजा लें और यह सुनिश्चित करें कि सरकारी योजनाएं धरातल पर पहुँच रही हैं।
कंबल वितरण और अलाव की पुख्ता व्यवस्था
ठंड से बचाव के लिए सीएम योगी ने राहत कार्यों में तेजी लाने का आदेश दिया है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी जनपदों के प्रमुख चौराहों, सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही, पात्र और जरूरतमंद लोगों को समय पर कंबल वितरण सुनिश्चित करने को कहा गया है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अलाव की मुकम्मल व्यवस्था हो ताकि राहगीरों और बेघर लोगों को राहत मिल सके।
रैन बसेरों में सुविधाओं पर विशेष जोर
बढ़ती ठंड को देखते हुए रैन बसेरों (Night Shelters) की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को रैन बसेरों में सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। रैन बसेरों में पर्याप्त बिस्तर, साफ-सफाई और गर्माहट के इंतजाम होने चाहिए। सीएम ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को खुले में सोने के लिए मजबूर न होना पड़े, इसके लिए अधिकारी सक्रियता दिखाएं। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति शीतलहर के प्रकोप का शिकार न हो।