जीतने से ज्यादा एक दूसरे को हराने के लिए लड़ रहे हैं पंडित और विवेक, बिखर रहे दलित वोट
 

चंदौली नगर पंचायत में सभी लोगों ने मतदान के आखिरी दिन अपनी जोर आजमाइश के इस दौरान एक यह भी चर्चा खूब रही की बहुजन समाज पार्टी के देवी शरण जायसवाल के लिए विवेक अग्रहरी एक बड़ा फैक्टर साबित होने जा रहे हैं।
 

चंदौली नगर पंचायत में चर्चाओं का बार गर्म

देवीशरण जायसवाल उर्फ पंडित बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार

विवेक अग्रहरी को टिकट देकर बसपा ने झाड़ लिया था पल्ला

चंदौली जिले में जिला मुख्यालय की चंदौली नगर पंचायत सीट पर बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे देवीशरण जायसवाल उर्फ पंडित बहुजन समाज पार्टी का टिकट जुगाड़ लगाकर आखिर समय में पा गए थे और उनको ऐसा लगता है कि वह बहुजन समाज पार्टी के दलित और अपनी बिरादरी के वोटों के समीकरण से वह सारे दलों को पछाड़ते हुए चुनाव में बाजी मार लेंगे, लेकिन उनका खेल तो विवेक अग्रहरी ही बिगाड़ रहे हैं। नजर पंचायत के वोटरों में यह भी चर्चा है कि विवेक अग्रहरी जीतने से ज्यादा टिकट कटवाने वाले देवीशरण जायसवाल को हराने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं।

 बहुजन समाज पार्टी का टिकट कटने के पहले खुद को बसपा का प्रत्याशी बताने वाले विवेक अग्रहरी भी पूरी तरह से जोर लगा रहे हैं और उनकी कोशिश है कि वह खुद को असली बहुजन समाज पार्टी का कार्यकर्ता बताकर व्यापारियों के साथ-साथ बसपा के ऑटो में भी सेंध लगा सकें। वह अपने टिकट कटने की असली कहानी भले ही लोगों को न बताएं, लेकिन वह सोशल मीडिया पर खुद को बसपा बताने वाले और हर दलों से नजदीकी रखने वाले देवीशरण जायसवाल को इस चुनाव में पछाड़ना चाहते हैं और उनकी कोशिश बसपा के अधिकृत प्रत्याशी से अधिक वोट लाने की है। इसके लिए वह दिल खोल कर खर्च भी कर रहे हैं।

चंदौली नगर पंचायत में सभी लोगों ने मतदान के आखिरी दिन अपनी जोर आजमाइश के इस दौरान एक यह भी चर्चा खूब रही की बहुजन समाज पार्टी के देवी शरण जायसवाल के लिए विवेक अग्रहरी एक बड़ा फैक्टर साबित होने जा रहे हैं। दोनों जहां वैश्य बिरादरी के वोटों में अपनी-अपनी पकड़ के हिसाब से सेंध लगाएंगे तो वहीं बहुजन समाज पार्टी के वोटों को भी अलग-अलग तरीके से अपने खेमे में करने की कोशिश करेंगे, लेकिन दोनों उम्मीदवार जीतने से ज्यादा एक दूसरे को हराने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।

 विवेक अग्रहरी की कोशिश है कि वह देवी शरण पंडित से अधिक वोट पाकर अपनी दावेदारी को मजबूत करें, ताकि भविष्य में होने वाले चुनाव में अपना दमखम दिखा सकें। वहीं देवी शरण पंडित को लगता है कि वह अपनी बिरादरी को अपने साथ रखने में कामयाब होंगे और दलित वोट केवल उनकी झोली में आएंगे, जबकि ऐसा दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रहा है। दलित वोटों का बिखराव तेजी से हो रहा है और दलित वोट पाने के लिए चंदौली नगर पंचायत में पूरी तरह से झोली खोलकर वोट बटोरे जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि दलित वोट भारतीय जनता पार्टी के साथ पूर्व चेयरमैन सुदर्शन सिंह के भी पाले में जा रहा है। 

अब देखना है कि 23 हजार वोटरों वाली चंदौली नगर पंचायत में 24 बूथों पर 4 मई को मतदान करके किसको अपना अगला चेयरमैन बनाते हैं और किसको अगली बार तैयारी करने के लिए संदेश देते हैं। लेकिन टिकट कटने का दर्द आज भी विवेक अग्रहरी को सता रहा है और वह मतगणना के बाद ही इस दर्द को भूल पाएंगे।