मेडिकल कॉलेज ने बंद कर दिया है खेदाई नरायनपुर का रास्ता, रास्ते को लेकर लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन
प्रशासन दूसरा रास्ता देने का दे रहा आश्वासन
रेलवे की जमीन से दूसरा रास्ता देने का प्लान
महिलाएं व पुरुष व बच्चे फावड़े लेकर करते रहे विरोध
चंदौली जिले में भारी बारिश के बीच खेदाईनारायनपुर गांव मे मेडिकल कॉलेज द्वारा बंद किए गए रास्ते को लेकर शुक्रवार को सैकड़ों लोगों जिसमें महिलाएं व पुरुष व बच्चे फावड़े को लेकर ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान आम जनता के बंद किए गए रास्ते को लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त रहा।
गांव के लोगों ने बताया कि सैयदराजा थाना क्षेत्र के बरठी कमरौर गांव में बन रहे नव निर्माणाधीन बाबा कीनाराम मेडिकल कॉलेज द्वारा बंद किए गए रास्ते को लेकर गांव के लोगों में नाराजगी है। खेदाईनारायनपुर से जीटी रोड को जोड़ने वाला मार्ग को मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों द्वारा बंद किया गया है, गांव के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव से आने-जाने के लिए लोग इसी रास्ते का उपयोग करते थे। बाहर आने जाने के साथ-साथ खेती-बारी के काम में आने जाने को लेकर मजदूर आदमी अपने काम करने के लिए उसी रास्ते का प्रयोग करते थे, लेकिन मार्ग को बंद हो जाने के बाद लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है।
अधिकारियों के यहां हम लोगों ने रास्ते को लेकर गुहार लगाई तो अधिकारी केवल आश्वासन देकर चले गए। आज हम लोग भारी बारिश के बीच बंद रास्ते को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं गांव के धर्मेंद्र राम ने बताया कि कई वर्षों पूर्व मेडिकल कॉलेज के पूर्वी छोर से रास्ता था 3 दिन पहले अधिकारियों ने पूरे फोर्स के साथ गुपचुप तरीके से रास्ते को बंद किया, जिससे हम लोगों को रास्ता बंद हो जाने से परेशानी का सामना करना पड़ता है।
वहीं ग्राम प्रधान शैलेंद्र यादव ने बताया कि हमारे गांव में बंद रास्ते को लेकर काफी समस्या है। बंद रास्ते को लेकर हमने आला अधिकारियों कहां इस मामले को अवगत कराया तो उन्होंने कहा कि तेजोपुर छौरा वाला रास्ता आपको मिलेगा, लेकिन वह रास्ता रेलवे विभाग का है। वह भी अगर बंद कर देगा तो हम लोग अपने गांव में कैद हो जाएंगे। हम लोगों का रास्ता नहीं मिलेगा तो हम लोग कहां जाएंगे। अगर अधिकारी हमारी समस्या का हल नहीं करते हैं तो हम पूरे गांव के लोगों के साथ आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों में धर्मेंद्र राम, भरोस यादव, गिरजा देवी, शारदा देवी, बसंती देवी, सीता राम, मुनरी देवी आदि सैकड़ो लोग शामिल रहे।