गैंगरेप  के मामले में 2 आरोपियों को 22-22 वर्ष के कारावास की सजा, 6 साल बाद आया फैसला 
 

एक गांव में 2016 में पड़ोसी आंगन में सो रही नाबालिग बच्ची को खेत में उठा ले गए थे।  उसके साथ सामूहिक बलात्कार की घटना को आरोपियों ने अंजाम दिया था।
 

सदर कोतवाली क्षेत्र का है मामला

2016 में पड़ोसियों ने किया था गैंगरेप

आंगन में सो रही नाबालिग के साथ घटना

चंदौली जिले में नाबालिग से गैंगरेप  के मामले में स्पेशल कोर्ट पॉक्सो ने सुनवाई करते हुए दो आरोपियों को 22-22 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 25 -25 हजार रुपये के अतिरिक्त जुर्माने की भी सजा दी है। इसके अलावा कहा है कि सभी को जुर्माना न अदा करने की स्थिति में एक-एक साल की सजा बढ़ा दी जाएगी।

बता दें कि सदर कोतवाली के एक गांव में 2016 में पड़ोसी आंगन में सो रही नाबालिग बच्ची को खेत में उठा ले गए थे।  उसके साथ सामूहिक बलात्कार की घटना को आरोपियों ने अंजाम दिया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों भोखारु और पन्ना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 

इसके बाद लंबे समय तक सुनवाई चली और 6 साल बाद फैसला सामने आया तो पीड़ितों को न्याय मिला। इस बाबत विशेष अधिवक्ता पॉक्सो शमशेर सिंह ने बताया कि 6 साल तक सुनवाई चलने के बाद गुरुवार को स्पेशल न्यायाधीश पॉक्सो ने इस मामले में दोनों आरोपियों को दोषी पाया और सजा सुनाते हुए दोनों आरोपियों को 22-22 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर अलग-अलग 25 हजार का अर्थदंड भी लगाया है।

सदर कोतवाली क्षेत्र एक गांव निवासी 16 वर्षीय पीड़िता के पिता ने 16 जून 2016 को मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि 14 जून 2016 की रात उसकी पुत्री घर के आंगन में सोई थी। करीब रात 12 बजे गांव के ही अनुसूचित जाति (मुसहर) के बोखारू उर्फ छोटू उर्फ सुनील व पन्ना घर में घुस गए और पुत्री का मुंह दबाकर सिवान में ले गए। उसके विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद पुत्री के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। घटना के बाद पुत्री ने आपबीती बताई।

इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। स्पेशल जज पाक्सो कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोप सिद्ध होने पर दोनों अभियुक्त बोखारू व पन्ना को धारा-376डी आईपीसी के तहत 22-22 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन की तरफ से मुकदमे की पैरवी विशेष अधिवक्ता पास्को शमशेर बहादुर सिंह, अवधेशनारायण सिंह और रमाकांत उपाध्याय ने किया।