नेटवर्क मार्केटिंग के नाम पर बाल मजदूरी, गैंग का हुआ खुलासा 23 बच्चे व 16 बंधुआ मजदूर अरेस्ट
चंदौली जिले के मुगलसराय इलाके में नौकरी दिलाने के नाम पर किशोरियों व किशोरों से गलत काम करवाने वाले गिरोह का सोमवार को भड़ाफोड हुआ है। इस दौरान कोतवाली पुलिस के साथ आरपीएफ व सीडब्ल्यूसी की टीम ने नगर में छापेमारी कर 23 बच्चों व 16 बंधुआ मजदूरी करने वालों को बरामद कर लिया है। साथ ही चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
बताया जा रहा है कि सभी को चंधासी व नईबस्ती में एक कमरे में बंधक बनाकर रखा गया था। इन सभी को बिहार व झारखंड से लाकर जबरन काम करवाया जाता था। सबके खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सभी बच्चों को रामनगर बाल गृह भेजा जा रहा है।
मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत नाबालिग बच्चों को बंधक बनाकर बालश्रम कराए जाने की सूचना पर सोमवार को बचपन बचाओ आंदोलन संस्था की ओर से पुलिस बल के साथ दो स्थानों पर छापा मारा। इस दौरान 34 नाबालिग बच्चे बरामद हुए। सभी को मुक्त करा दिया गया। सभी झारखंड प्रांत के रहने वाले हैं। सूचना के बाद सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) के सदस्यों समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचकर आगे की कार्रवाई में जुट गयी है।
दरअसल पीडीडीयू जंक्शन रविवार को पहुंची झारखंड के रामगढ़ क्षेत्र की रहने वाली एक किशोरी ने वहां चाइल्ड लाइन के सदस्यों से बताया कि उसकी सहेली उसे पीडीडीयू नगर एक बड़ी कंपनी में क्लर्क पर कार्य करने के नाम पर लेकर आई थी, लेकिन उससे कंघी, आईना आदि सामान बेचने का काम लिया जाता था। जिसके एवज में उसे हर माह 15 हजार रुपये मिलने थे। बताया कि कंपनी में सिक्योरिटी मनी के नाम पर उससे साढ़े सात हजार रुपये जमा भी करा लिए। इसके बाद उसे कंघी और आईना बेचने का काम दिया गया। उसने जब काम छोड़ाना चाहा तो संस्था के सदस्यों ने उसके साथ मारपीट की। उस पर दिन भर नजर रखी जाती थी। वह किसी प्रकार उनके चंगुल से भागकर निकल आई। इसके बाद चाइल्ड लाइन ने किशोरी को सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया। जहां अन्य नाबालिग लड़के और लड़कियों के बंधक बनाकर बालश्रम कराए जाने की बात सामने आई।
प्रकरण सामने आने के बाद बचपन बचाओ आंदोलन ने किशोरी द्वारा बताये गए स्थान पर सोमवार को पुलिस के साथ नगर के नई बस्ती व चंधासी गांव में छापा मारा। इस दौरान दोनों जगहों से कुल 40 लोग मिले, जिसमें 34 नाबालिग थे। इसमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल थीं।
सीडब्ल्यूसी के सदस्य धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि स्टेशन पर मिली किशोरी की सूचना के आधार पर पूरी कार्रवाई हुई है। इसमें 34 नाबलिग बच्चे मिले हैं। सभी से रुपये लेकर जबरदस्ती प्रोडक्ट्स देकर उसे बिकवाया जाता था। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि इनके घर से बाहर जाने पर भी पाबंदी थी। इस मौके पर बचपन बचाओ आंदोलन के प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर देशराज सिंह, सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव, सदस्य धर्मेंद्र कुमार सिंह, एसआई राजकुमार पांडेय, एसआई रमेश यादव समेत आरपीएफ के लोग मौजूद रहे।