दादी का दाह संस्कार करने गया था पोता, गंगा नदी में डूबने से हो गयी मौत

चंदौली जिले के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के महावलपुर गांव के एक परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा। दादी का दाह संस्कार करने अवधूत भगवान समाधि स्थल के समीप गंगा नदी किनारे गए पोते की डूबने से मौत हो गई। 
 

बेटे के न मिलने से लोगों पर दुख का पहाड़ टूट गया

यह भी नहीं सोचा था कि अगली सुबह बेटे की भी मौत की खबर आएगी

चंदौली जिले के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के महावलपुर गांव के एक परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा। दादी का दाह संस्कार करने अवधूत भगवान समाधि स्थल के समीप गंगा नदी किनारे गए पोते की डूबने से मौत हो गई। 

परिवार के सदस्य की मौत से परिजन इतने गम में थे कि बालक की खोजबीन करने की बजाए क्रियाकर्म के बाद घर चल आए। हालांकि, जब किशोर नहीं दिखा तो खोजबीन की, लेकिन वह मिला नहीं। सोमवार की सुबह जाल में फंसा किशोर का शव मिला। घटना से परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक तीन भाई व बहन में सबसे छोटा था।

बताते चलें कि महावलपुर निवासी भोलानाथ की पत्नी बाकेश्वरी देवी का निधन हो गया था। लोग दाह संस्कार करने के लिए समाधि स्थल पर गए। दाह संस्कार में बेटे राजेंद्र का सबसे छोटा बेटा कृष्ण (11) भी साथ में गया था। यहां शव दहन के बाद लोग गंगा नदी में स्नान करने लगे। रवींद्र का कृष्ण भी नहाने लगा। उसी दौरान वह गहरे पानी में समा गया। 

इस दौरान किसी की भी निगाह किशन पर नहीं पड़ी। स्नान व खान पान करने के बाद लोग वहां से परिजन घर आ गए। घर में दादी की मौत के बाद रोना पीटना पड़ा था। वहीं बेटे के न मिलने से लोगों पर दुख का पहाड़ टूट गया। किसी ने यह भी नहीं सोचा था कि अगली सुबह बेटे की भी मौत की खबर आएगी। 


गंगा घाट पर कुछ लोगों ने जाल में फंसे बालक का शव देखा तो सन्न रह गए। उसके परिजनों को जानकारी हुई तो कोहराम मच गया। घटना से मां जीरा देवी व पिता राजेंद्र का रो रोकर बुरा हाल हो गया। दादा भोलानाथ भी बेसुध पड़े हुए थे। मृतक की सबसे बड़ी बहन रागिनी, भाई करन व जगदंबा इस हादसे से स्तब्ध हैं।