चकिया पुलिस को मिली बड़ी सफलता: 'सिल्वर कॉइन' के नाम पर जालसाजी करने वाले गैंग के 3 शातिर अरेस्ट
चांदी का सिक्का दिखाकर लाखों की ठगी
चकिया पुलिस द्वारा शातिर सरगना गिरफ्तार
अंतर्राज्यीय ठग गिरोह के पास से डेढ़ लाख बरामद
मिर्जापुर के पीड़ित से हुई थी 2 लाख की लूट
बिहार से चंदौली तक फैला था गिरोह का नेटवर्क
अंतर्राज्यीय ठग गिरोह का सनसनीखेज खुलासा उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद अंतर्गत चकिया कोतवाली पुलिस ने एक ऐसे शातिर अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है जो भोले-भाले लोगों को चांदी के सिक्के सस्ते दामों पर देने का लालच देकर लाखों की चपत लगाता था। पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे के कुशल निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशन) दिगंबर कुशवाहा के आदेशानुसार अपराधियों के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत चकिया पुलिस को यह महत्वपूर्ण सफलता मिली है। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, जबकि उनके दो अन्य साथी अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार होने में सफल रहे।
ऐसे बुना जाता था ठगी का मायाजाल
गिरफ्तार अभियुक्तों से हुई पूछताछ में ठगी के जिस तरीके का खुलासा हुआ वह चौंकाने वाला है। गिरोह का मुख्य सरगना पिंटू गिरी अलग-अलग मोबाइल नंबरों से ग्राहकों को फोन करता था और खुद को सोना-चांदी का बड़ा व्यापारी बताता था। वह ग्राहकों को झांसा देता था कि उसके पास भारी मात्रा में चांदी के प्राचीन सिक्के हैं जिन्हें वह कौड़ियों के दाम बेचने को तैयार है। विश्वास जीतने के लिए वे ग्राहकों को बुलाकर चांदी के कुछ असली सिक्के नमूने के तौर पर दिखाते थे। जब ग्राहक को पूर्ण विश्वास हो जाता था कि सिक्के असली हैं, तब यह गिरोह उन्हें एकांत स्थान पर बुलाकर पैसे ले लेता था और भारी मात्रा में सिक्के देने का बहाना बनाकर मौके से फरार हो जाता था।
मिर्जापुर के पीड़ित से 2 लाख की ठगी
हालिया घटना मिर्जापुर जनपद के पडरी थाना क्षेत्र निवासी धीरज मौर्य के साथ हुई। गिरोह के सदस्यों ने धीरज को 4 किलो चांदी के सिक्के देने का लालच देकर जागेश्वरनाथ हेतिमपुर मंदिर के पास बुलाया था। वहां अभियुक्तों ने धीरज से 2 लाख रुपये ऐंठ लिए और उसे चकमा देकर फरार हो गए। इस घटना के बाद पीड़ित की शिकायत पर चकिया पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या 250/2025 के तहत गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था और अपराधियों की तलाश में टीमें गठित कर दी थीं।
मंगलौर पुल के पास पुलिस की दबिश और गिरफ्तारी
17 दिसंबर 2025 की भोर में मुखबिर से सटीक सूचना मिली कि ठग गिरोह के सदस्य मंगलौर पुल के पास एक खंडहरनुमा कमरे में ठगी के पैसों का बंटवारा कर रहे हैं। थानाध्यक्ष अर्जुन सिंह के नेतृत्व वाली पुलिस टीम ने तत्काल घेराबंदी कर मौके पर दबिश दी। पुलिस ने वहां से गिरोह के सरगना पिंटू गिरी (कैमूर, बिहार), सोहन (शहाबगंज, चंदौली) और चंद्रदेव (शहाबगंज, चंदौली) को धर दबोचा। हालांकि, इनके साथी शिवराज चौहान उर्फ रोहित और शिवचरण अपने हिस्से के 25-25 हजार रुपये लेकर जंगल और अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे।
बरामदगी और अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास
गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से पुलिस ने ठगी के कुल 1,50,000 (एक लाख पचास हजार) रुपये नकद, 5 सफेद धातु के सिक्के और घटना में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिलें (हीरो एचएफ डीलक्स और हीरो स्प्लेंडर प्लस) बरामद की हैं। जांच में सामने आया है कि पिंटू गिरी एक पेशेवर अपराधी है, जो तीन महीने पहले बिहार के कैमूर जनपद से भी इसी तरह की ठगी के मामले में जेल जा चुका है। अन्य अभियुक्तों के खिलाफ भी पूर्व में गुंडा एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस टीम अब फरार अभियुक्तों की तलाश में लगातार दबिश दे रही है।