सावधान..अब RTO के नाम से आ रहे हैं ठगने वाले मैसेज, 3 लाख गंवाने वाले बृजेश यादव बने डिजिटल फ्रॉड के शिकार

 

चंदौली के महमदपुर तिरगांवा में एक ग्रामीण के व्हाट्सएप पर आरटीओ के नाम से आई संदिग्ध फाइल को डाउनलोड करना भारी पड़ गया। फाइल खुलते ही मोबाइल हैक हो गया और खाते से तीन लाख रुपये पार हो गए।

 
 

आरटीओ के नाम से हो रही है साइबर ठगी

एपीके फाइल डाउनलोड करते ही फोन होता है हैक

खाते से तीन लाख रुपये हो गए हैं गायब

साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर दर्ज करायी है शिकायत

अनजान लिंक न खोलने की दे रही है सलाह 

चंदौली जनपद अंतर्गत बलुआ थाना क्षेत्र के महमदपुर तिरगांवा गांव में साइबर अपराधियों ने ठगी का एक नया और खतरनाक तरीका अपनाया है। यहाँ के निवासी बृजेश यादव के साथ शातिर जालसाजों ने आरटीओ विभाग के नाम का सहारा लेकर लाखों रुपये की चपत लगा दी। ठगों ने पीड़ित के मोबाइल नंबर से जुड़े व्हाट्सएप पर आरटीओ कार्यालय का हवाला देते हुए एक संदिग्ध 'एपीके' (APK) फाइल भेजी। सरकारी विभाग से संबंधित मैसेज समझकर बृजेश ने जैसे ही उस फाइल को क्लिक कर डाउनलोड किया, वैसे ही उनका पूरा मोबाइल फोन हैकर्स के नियंत्रण में चला गया।

पलक झपकते ही बैंक खाते से तीन लाख पार
फाइल डाउनलोड होने के चंद मिनटों के भीतर ही बृजेश यादव का मोबाइल पूरी तरह से हैक हो गया और उनके बैंक खाते की सुरक्षा में सेंध लग गई। जालसाजों ने मोबाइल का एक्सेस मिलते ही बैंक खाते को अपने कब्जे में ले लिया और देखते ही देखते तीन लाख चार हजार रुपये किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दिए। जब तक पीड़ित को कुछ समझ आता, उनके मोबाइल पर आए मैसेज ने उनके पैरों तले जमीन खिसका दी। जीवन भर की जमा पूंजी पल भर में गायब हो जाने से पीड़ित परिवार गहरे सदमे और मानसिक तनाव में है।

प्रशासन की कार्रवाई और साइबर सुरक्षा की चुनौती
घटना के तत्काल बाद पीड़ित ने साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज कराई और संबंधित बैंक को भी सूचित कर खाते को ब्लॉक करवाया। हालांकि, बृजेश का कहना है कि काफी समय बीत जाने के बाद भी उनकी मेहनत की कमाई वापस नहीं मिल सकी है। इस मामले में बलुआ थाना प्रभारी अतुल कुमार ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान नंबर से आए व्हाट्सएप मैसेज, लिंक या फाइल को बिना पुष्टि किए न खोलें।

साइबर ठगों से बचने के लिए बरतें विशेष सावधानी
थाना प्रभारी ने स्पष्ट किया कि आजकल ठग सरकारी विभागों जैसे बिजली विभाग, आरटीओ या बैंक के नाम का उपयोग कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। कोई भी सरकारी विभाग व्हाट्सएप पर एपीके फाइल नहीं भेजता है। यदि आपके पास भी ऐसा कोई संदिग्ध संदेश आता है, तो उसे तुरंत ब्लॉक करें और कभी भी अज्ञात स्रोत से मिले सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल न करें। डिजिटल सुरक्षा ही ठगी से बचने का एकमात्र रास्ता है। पुलिस अब उन खातों को ट्रेस करने की कोशिश कर रही है जिनमें ठगी की रकम भेजी गई है।