बिजली विभाग का कंप्यूटर आपरेटर बनकर जालसाज लगा रहा था लाखों का चूना, ऐसे खुली पोल
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चंदौली जिले में खुद को बिजली विभाग का कंप्यूटर ऑपरेटर बताकर एक जालसाज ने बकाया बिल जमा करने के नाम पर 20 उपभोक्ताओं को तकरीबन पांच लाख रुपये का चूना लगा दिया है।
लोगों से नकदी लेता और विभाग के विभिन्न कैश काउंटरों पर बोगस चेक जमा कर रसीद उपभोक्ताओं को पकड़ा देता। पोल तब खुली जब एक सप्ताह के भीतर उसके 18 चेक एक-एक कर बाउंस हो गए। एक्सईएन प्रवीन कुमार ने जालसाज के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी है। बताया कि ठगी की रकम अधिक भी हो सकती है। बहरहाल पुलिस आरोपित की धरपकड़ में जुट गई है।
एक्सईएन के अनुसार लेखा अनुभाग की मासिक समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि नगर स्थित विभाग के कैश काउंटरों पर कई उपभोक्ताओं के विद्युत बिल एक ही शाखा के एक ही व्यक्ति के चेकबुक से जमा किए जा रहे हैं। विभाग के खाता बैंक पंजाब नेशनल बैंक शाखा द्वारा देनदार के खाते में पर्याप्त धनराशि न होने के कारण निरस्त कर दिया जा रहा है। इस तरह से बैंक ने एक सप्ताह के भीतर तकरीबन 18 चेक निरस्त कर दिए। विभाग के कान खड़े हुए तो निरस्त चेकों पर दिए गए मोबाइल नंबरों और संबंधित बैंक से संपर्क किया गया तो पता चला कि खाता अलईपुर वाराणसी निवासी अमन श्रीवास्तव के नाम से खुला है।
पड़ताल से जानकारी मिली कि जालसाज मुगलसराय थाना क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में आवास बदल कर किराए के मकान में रहता है और खुद को बिजली विभाग में संविदा कंप्यूटर आपरेटर बताता है। एक्सईएन ने बताया कि विभाग के किसी भी कैश काउंटर या उपखंड में इस नाम का कोई भी संविदा या नियमित कर्मचारी नियुक्त नहीं है। वह विभाग के कैश काउंटर पर कंप्यूटर आपरेटर बताकर उपभोक्ताओं से नकद धनराशि लेकर नगर स्थित निजी बैंक में अपने धन विहीन खाते का चेक लगाकर हेराफेरी करता रहा।
एक्सईएन प्रवीन कुमार, लेखाकार राहुल सिंह और सहायक अभियंता नियाज खान ने कोतवाली में तहरीर दी। एक्सईएन ने बताया कि वाराणसी निवासी अमन के विरुद्ध जालसाजी तथा धमकी सहित रिश्वत दिए जाने के प्रस्ताव आदि धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। कोई बड़ा गिरोह है जो इस तरह ठगी का कार्य कर रहा है। कहा उपभोक्ता कैश काउंटर के अलावा किसी भी अंजान व्यक्ति को अपने विद्युत बिल का नकद भुगतान न करें।