जानिए बिलिंग क्लर्क कैसे करता था करोड़ों गोलमाल, शराब-गाड़ी-जमीन में लगाता था पैसा
RPF में तैनात था युवराज सिंह
जानिए कैसे दूसरे के पैसे अपनी बीवी के खाते में करता था ट्रांसफर
एक मामले से खुल गयी पोल
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चन्दौली जिले के रेलवेकर्मियों के एकाउंट से छेड़छाडकर उसकी जगह अपना और अपनी पत्नी का एकाउंट नंबर डालकर रेल कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई में हेराफेरी करने वाले रेलवे विभाग के कर्मचारी को जनपद चन्दौली के थाना मुगलसराय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरपीएफ सिपाही के फंड का पैसा दूसरे के खाते में जाने से पूरा मामला पकड़ में आया।
बताया जा रहा है कि पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द राजफाश करने के निर्देश दिये थे। थाना मुगलसराय पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके मामले के गहनता से जांच व पूछताछ शुरू कर दी है। अब तक की जांच में करोड़ो की हेराफेरी होने की आशंका जताई जा रही है।
आरपीएफ सिपाही का पैसा फंसा तो खुला राज-
मामले में बताया जा रहा है कि सहायक सुरक्षा आयुक्त-रेलवे सुरक्षा बल हरिनारायण राम द्वारा थाना मुगलसराय पर दिनांक 01.11.2023 को लिखित सूचना दिया गया कि आरक्षी मो. मुजीब द्वारा पीएफ खाते से 17.10.2023 को 92,000/- रुपया निकासी हेतु आवेदन बिलिंग क्लर्क को प्रार्थना पत्र दिया था जो दिनांक 17.10.23 को ही मुख्यालय हाजीपुर अग्रसारित हो गया एवम् दिनांक 17.10.23 को उक्त धनराशि आवटित कर दी गयी, जो मो. मुजीब के खाते में नहीं आयी तो 19.10.23 को कार्यालय अधीक्षक के यहां से जानकारी की गयी तो ज्ञात हुआ कि उक्त धनराशि दिनांक 17.10.23 को ही आवेदक के खाते में भेज दिया गया है।
लेकिन अभियुक्त युवराज सिंह द्वारा मो. मुजीब के खाते के स्थान पर अपनी पत्नी नीतू का खाता दर्ज किया था, जिससे उक्त धनराशि उसकी पत्नी के खाते में चली गयी और अभियुक्त द्वारा अपनी पत्नी के खाते से मो. मुजीब के खाते में ट्रान्सफर नहीं कर पाया। बैंक से पे-स्लीप निकलवाने पर उक्त सभी गबन की जानकारी हुई। जिसके आधार पर उक्त अभियोग पंजीकृत हुआ।
अब तक की विवेचना से 3,61,91,217 /- रुपया अभियुक्त द्वारा अधिकारी व कर्मचारी गण का अपने व अपने पत्नी के खाते में पैसा ट्रान्सफर करना पाया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक चन्दौली डॉ. अनिल कुमार के निर्देशन पर मुकदमा पंजीकृत करके जब मामले की गहनता से जांच शुरू हुई तो मुगलसराय पुलिस टीम ने मुकदमा अपराध संख्या 362/2023 धारा 409 आईपीसी थाना मुगलसराय जिला चन्दौली में वांछित अभियुक्त युवराज सिंह पुत्र राजाराम (उम्र करीब 38 वर्ष) निवासी ग्राम बेरी खेड़ा थाना साढ़ जिला कानपुर नगर और हाल पता डी.आर.एम आफिस को दिनांक 21.11.2023 को समय 15.30 बजे हरिशंकरपुर मोड़ से गिरफ्तार कर लिया गया।
चौंकाने वाला खुलासा-
अभियुक्त युवराज सिंह पुत्र राजाराम सिंह द्वारा बताया गया कि वह 2006 में आरपीएफ में आरक्षी के पद पर नियुक्त हुआ था। बाद में मेडिकल अनफीट होने के कारण 2017 में क्लर्क के पद पर नियुक्त हो गया। मेरे द्वारा क्लर्क के रुप में आरपीएफ के अधिकारी कर्मचारीगण का वेतन बनाया जाता था। मेरे सेक्सन में मेरे ऊपर एल 2, मुख्य कार्यालय अधीक्षक एवम् एल 3 , सहायक सुरक्षा आयुक्त थे। जिनके द्वारा मेरे द्वारा बनाये गये बिलों का जाँच करने के पश्चात आंकिक शाखा में बिल जाता था। वहाँ पर भी एल 1 अधिकारी ,सहायक आंकिक एल 2 अधिकारी सेक्शन आफिसर द्वारा चेक करने के पश्चात एल 3 अधिकारी ,सहायक मण्डल वित्त प्रबन्धक द्वारा बिल को पास कर पेमेन्ट किया जाता था। उसके बाद सम्बन्धित के खाते में पैसा चला जाता था।
साहब वर्ष 2016 में AIMS (ACCOUNTING INFORMATION MANAGEMENT SYSTEM ) साफ्टवेयर आया, जिसमें वह किसी कर्मचारी का पैसा ज्यादा भरकर लगा देता था, तो उसे कोई पकड़ नहीं पाता था और इसी सिस्टम के माध्यम से सम्बन्धित कर्मचारी को खाते में अंकित खाता नम्बर को बदलकर अपनी पत्नी अथवा अपना खाता नम्बर डाल देता था और वह पैसा हमारे व हमारे पत्नी के खाते में चला जाता था और जो सम्बन्धित कर्मचारी का उचित धनराशि होता था। उसे अपने खाते से उसके खाते में पैसा ट्रान्सफर कर देता था, जिससे उस कर्मचारी को पता नहीं चल पाता था और न ही हमारे ऊपर के अधिकारी इस बात को पकड़ पाते थे।
इस धन का उपयोग मेरी पत्नी व साढ़ू मनोज कुमार द्वारा गाड़ी, भूमि खरिदने एवम् शराब के व्यवसाय व अन्य कामों किया जाता था। हम जानते थे कि यह मामला पकड़ में नहीं आयेगा। किन्तु आरक्षी मुजीब द्वारा पीएफ भरा गया था, जिसका धन स्वीकृत होकर उसके खाते में न जाकर मेरे पत्नी नीतू के खाते में चला गया और मैं उस धन को उसके खाते में ट्रान्सफर नहीं कर पाया। जिसकी शिकायत होने पर यह मामला खुल गया। मेरे द्वारा करोड़ों रुपया का गबन किया गया।
हाईकोर्ट का फर्जी आदेश बनाकर भी मेरे द्वारा 8 अधिकारी व कर्मचारी गण का 2 करोड़ रुपया पास करने की कार्यवाही की गयी है। मेरे द्वारा उक्त रुपयों से गाड़ी, भूमि आदि क्रय किया गया है। साथ ही पत्नी के नाम शराब व्यवसाय में पैसा लगाया गया है।
बरामदगी का विवरण- एक अदद कार क्रेटा (UP-71 AF-0001) एक अदद प्रिन्टर, दो अदद मोबाइल।
इसको गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक दीन दयाल पाण्डेय के साथ सर्विलांस प्रभारी श्यामजी यादव, स्वॉट टीम के प्रभारी शैलेन्द्र प्रताप सिंह के साथ उपनिरीक्षक जनक सिंह, सतीश प्रकाश के साथ सिपाही आलोक सिंह व अशोक राय शामिल थे।