कल है योगिनी एकादशी का व्रत, इन नियमों का जरूर करें पालन

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show योगिनी एकादशी व्रत 5 जुलाई सोमवार यानि कि कल के दिन रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, यह व्रत प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस एकादशी की ऐसी मान्यता है कि जो भक्त योगिनी एकादशी का व्रत करते हैं उन्हें कुष्ठ या कोढ़ रोग से मुक्ति मिलती है
 

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योगिनी एकादशी व्रत 5 जुलाई सोमवार यानि कि कल के दिन रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, यह व्रत प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है।

इस एकादशी की ऐसी मान्यता है कि जो भक्त योगिनी एकादशी का व्रत करते हैं उन्हें कुष्ठ या कोढ़ रोग से मुक्ति मिलती है एवं उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही उन्हें वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है लेकिन इस व्रत का वास्तविक फल पाने के लिए व्रत रखने वाले लोगों को कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।

यह व्रत भले ही एकादशी के दिन रखा जाता है, किंतु व्रत का पालन दसवीं की शाम से लेकर द्वादशी की सुबह तक किया जाता है। व्रत के नियम दशमी के दिन सूर्यास्त के बाद से ही लागू हो जाते हैं। व्यक्ति को भोजन दशमी को सूर्यास्त से पहले ही ग्रहण करना होता है, इसके बाद व्रत शुरू होता है और द्वादशी के दिन पारण करने तक चलता है।

आइए जानते हैं क्या हैं योगिनी एकादशी व्रत नियम-

  • योगिनी एकादशी व्रत के दिन घर में केवल सात्विक भोजन ही करना चाहिए।
  • इस दिन घर में अंडा, मांस, मदिरा आदि का सेवन कतई नहीं करना चाहिए।
  • दशमी की रा​त से ही द्वादशी की रात तक ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • योगिनी एकादशी व्रत के लिए दशमी की रात से ही जमीन पर सोना चाहिए ।
  • एकादशी की रात को जागकर भगवान का ​कीर्तन करना चाहिए।