इस दिन है मार्गशीर्ष मास की दुर्गाष्टमी, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा सामाग्री और व्रत पूजन विधि
इस दिन है मार्गशीर्ष मास की दुर्गाष्टमी
जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा सामाग्री, व्रत पूजन विधि
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक मास में शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक दृष्टि से यह दिन बहुत ही विशेष माना जाता है। इस दिन मां दुर्गा की उपासना करने का विधान है। इस बार मार्गशीर्ष मास की दुर्गाष्टमी 11 दिसंबर 2021 दिन शनिवार को पड़ रही है। यह साल 2021 की अंतिम मासिक दुर्गाष्टमी है।
मान्यता है कि इस दिन पूजा-अर्चना करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की हर संकट से रक्षा करती हैं। तो चलिए जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व तिथि और सामग्री व पूजन विधि।
दुर्गाष्टमी का महत्व-
नवरात्रि में पड़ने वाली अष्टमी के अलावा हर मास में पड़ने वाली अष्टमी तिथि मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए बहुत खास मानी जाती है। इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान से मां दुर्गा का पूजन करना चाहिए। मान्यता है कि प्रत्येक दुर्गाष्टमी के दिन शक्ति की उपासना करने से आपके जीवन की समस्याएं स्वतः ही समाप्त होने लगती हैं व हर बाधा से मुक्ति मिलती है। मां दुर्गा अपने भक्तों की हर मुसीबत से रक्षा करती हैं।
दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त-
मार्गशीर्ष मास अष्टमी तिथि आरंभ- 10 दिसंबर 2021 दिन शुक्रवार शाम 07 बजकर 09 मिनट से
मार्गशीर्ष मास अष्टमी तिथि समाप्त- 11 दिसंबर 2021 दिन शनिवार शाम 07 बजकर 12 मिनट पर
मां दुर्गा के पूजन के लिए आवश्यक पूजा सामग्री-
रोली या कुमकुम, दीपक, रुई (बाती के लिए), घी, लौंग, कपूर,इलायची, सूखी धूप, मौली(कलावा),नारियल, अक्षत, पान, पूजा की सुपारी, फूल,फल, मिष्ठान, लाल चुनरी, श्रृंगार का सामान आदि।
दुर्गाष्टमी पूजन विधि-
- प्रातः जल्दी उठकर घर और पूजा स्थान की साफ-सफाई करें और स्वयं भी स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- अब पूजा स्थान पर पूजा करनी हो तो वहां पर गंगाजल का छिड़काव करें, या फिर एक साफ लकड़ी की चौकी पर लाल आसन बिछाकर उसपर मां दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।
- इसके बाद माता रानी को लाल चुनरी चढ़ाएं और श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।
- अब मां दुर्गा के समक्ष धूप दीप प्रज्वलित करें।
- कुमकुम, अक्षत से तिलक करें और मौली, लाल पुष्प लौंग कपूर आदि से विधि पूर्वक पूजन करें।
- पान के ऊपर सुपारी और इलायची रखकर चौकी पर मां दुर्गा के समक्ष रखें।
- अब मां दुर्गा को फल व मिष्ठान अर्पित करें।
- पूजन के दौरान मां दुर्गा का स्मरण करते रहें और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- पूजन पूर्ण होने के बाद मां दुर्गा की आरती करें और पूजन में हुई भूल के लिए क्षमा मांगे।