आज धूमधाम से मनायी जा रही गणेश चतुर्थी, ऐसे करें गणपति की स्थापना
 

आज से गणेश चतुर्थी का पावन पर्व शुरू हो रहा है। आज ही के दिन पूरे देश भर में गणेश की स्थापना की जाती है। कई स्थानों पर उनकी स्थापना पंडालों में भव्य रूप से साज-सज्जा के साथ की जाती है
 

देशभर में शुरू होगी गणेश की पूजा

गणेश चतुर्थी पर स्थापित की जाएंगी प्रतिमाएं

इन मंत्रों के जाप से होंगे कई फायदे

 

आज से गणेश चतुर्थी का पावन पर्व शुरू हो रहा है। आज ही के दिन पूरे देश भर में गणेश की स्थापना की जाती है। कई स्थानों पर उनकी स्थापना पंडालों में भव्य रूप से साज-सज्जा के साथ की जाती है, तो वहीं कुछ लोग अपने घर में भी गणेश को स्थापित करते हैं। इसलिए आपको इस बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है कि कैसे गणपति की स्थापना करें...

गणेश चतुर्थी पर स्थापना मुहूर्त

 
गणेश चतुर्थी पर बप्पा की स्थापना के लिए 3 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। भादों माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 03.01 पर शुरू होगी और 7 सितंबर 2024 को शाम 05.37 तक रहेगी। इसके लिए आप अपनी सुविधा के अनुसार स्थापना कर सकते हैं। 

गणेश जी स्थापना मुहूर्त - सुबह 07.36 - सुबह 09.10
मध्याह्न काल मुहूर्त - दोपहर 11.03 - दोपहर 01.34
तीसरा शुभ मुहूर्त - दोपहर 01.53 - दोपहर 03.27


मूर्ति स्थापना के लिए ये है सबसे शुभ समय


गणेश पुराण के मुताबिक गणपति का जन्म चतुर्थी तिथि और चित्रा नक्षत्र में मध्याह्न काल, यानी दिन के दूसरे पहर में हुआ था। 7 सितंबर को ये शुभ काल सुबह 11.20 बजे से शुरू हो रहा है।

गणेश चतुर्थी पूजा सामग्री 


मिट्‌टी के गणेशजी की प्रतिमा, कुमकुम, हल्दी, अक्षत, सुपारी, सिंदूर, गुलाल, लौंग, जनेऊ, लाल रंग का वस्त्र, पूजा की चौकी, चौकी पर बिछाने का पीला कपड़ा, दूर्वा, कपूर, पंचमेवा, दीपक,धूप, पंचामृत, मौली, फल, गंगाजल, कलश, फल, नारियल, चंदन, केला, फूल माला, आम के पत्ते, अष्टगंध की जरूरत होती है।


गणेश चतुर्थी पर स्थापना विधि 


गणेश चतुर्थी पर सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद धुले कपड़े पहनें. जहां मूर्ति स्थपाना करनी है वहां सफाई कर व्रत का संकल्प लें।

शुभ मुहूर्त में पूजा की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर चावल रखें। चौकी पर दाहिनी ओर कलश स्थापित करें। कलश में ब्रह्मांड के देवी-देवता विराजित होते हैं।

अब चौकी पर गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करें।

मूर्ति पर आम के पत्ते से जल और पंचामृत थोड़ा सा छिड़कें। अब उन्हें जनेऊ पहनाएं। पूजा की सारी सामग्री एक-एक करके अर्पित करें।

मोदक, लड्‌डू का भोग लगाएं और इसके बाद बारी-बारी से गणेश चालीसा, गणेश स्तोत्र का पाठ करें और धूप दीप जलाकर आरती करें। इसी तरह शाम को भी पूजन व आरती करें।


गणेश जी की पूजा व जाप के खास मंत्र 

ऊं श्री गणेशाय नम:

ॐ गं हेरम्बाय नमः

ॐ गं धरणीधराय नमः

ॐ गं महागणपतये नमः

ॐ गं लक्षप्रदाय नमः