इस साल कब मनाई जाएगी हरियाली तीज ? जानें तिथि, पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त 

यूं तो रोजाना घरों में भगवान शिव की पूजा की जाती है। लेकिन सावन में भोलेनाथ की पूजा का महत्व अधिक बढ़ जाता है। यह माह भगवान शिव का प्रिय माह माना जाता है।
 

यूं तो रोजाना घरों में भगवान शिव की पूजा की जाती है। लेकिन सावन में भोलेनाथ की पूजा का महत्व अधिक बढ़ जाता है। यह माह भगवान शिव का प्रिय माह माना जाता है। इस दौरान उनकी पूजा करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती हैं। सावन में आने वाले सभी सोमवार का अधिक खास महत्व होता है। इस दिन शिव जी की पूजा करने से जीवन में खुशहाली बनी रहती है। वहीं इस माह में हरियाली तीज का पर्व भी मनाया जाता है।


हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और पार्वती मां की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इस दौरान सुहागिन महिलाएं वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए उपवास रखती हैं। 

इसके अलावा कुंवारी कन्याएं भी योग्य वर प्राप्ति के लिए ये व्रत रखती हैं। इस व्रत में हरे रंग के अधिक महत्व होने के कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं हरे रंग की साड़ी, हरी चूड़ियां आदि पहनती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल हरियाली तीज का व्रत कब रखा जाएगा


कब है हरियाली तीज 2024 ?


सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। इस साल हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त 2024 को रखा जाएगा। इस तिथि की शुरुआत 6 अगस्त को शाम 7 बजकर 42 मिनट पर होगी। 7 अगस्त 2024 को रात 10 बजे इसका समापन होगा।

हरियाली तीज की पूजा विधि


हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। सुहागिन महिलाओं को इस दिन सोलह श्रृंगार जरूर करना चाहिए। इस दौरान पूरे दिन व्रत करें। हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ-साथ गणेश जी की भी पूजा करनी चाहिए। 

इस दौरान पूजा के लिए एक चौकी तैयार करें और उसपर पीले रंग का कपड़ा बिछा दें। इस चौकी में भगवान की मूर्तियां स्थापित करें और भगवान को नए वस्त्र पहनाएं। फिर पूजा सामग्री को भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करें। फिर तीज की व्रत कथा सुनें और आरती करें। बाद में सुखी जीवन की कामना करते हुए महादेव और माता पार्वती का आशीर्वाद लें।


हरियाली तीज पूजन सामग्री


हरियाली तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दौरान पूजा में पीला वस्त्र, कच्चा सूत, नए वस्त्र, केला के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, चावल, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद और पंचामृत जरूर शामिल करें। 

इसके अलावा सुहाग के सामान में सिंदूर, बिंदी, चूड़ियां, माहौर, खोल, कुमकुम, कंघी, बिछुआ, मेहंदी, दर्पण और इत्र जैसी चीजों को जरूर रखें।


हरियाली तीज आरती


जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।

ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता।। जय पार्वती माता।।

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता।

जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय पार्वती माता।।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा।

देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।। जय पार्वती माता।।

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता।।

जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।

हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।। जय पार्वती माता।।

शुम्भ-निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता।

सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।। जय पार्वती माता।।

सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता।

नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता। जय पार्वती माता।।

देवन अरज करत हम चित को लाता।

गावत दे दे ताली मन में रंगराता।। जय पार्वती माता।।

श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता।

सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।। जय पार्वती माता।।