होलिका जलाने के लिए कर लीजिए तैयारी, ये होगा इसका सबसे सही मुहूर्त

फाल्गुन हिंदू कैलेंडर का अंतिम महीना है, जिसके बाद चैत्र माह आता है, जो हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। इस समय में महाशिवरात्रि और होली जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं।
 
Holashtak in 2025

होलाष्टक 2025 प्रारंभ और समाप्ति तिथि व समय

जानें इस दौरान क्या करें और क्या न करें

होलाष्टक के दौरान ये है फायदेमंद टिप्स

फाल्गुन का महीना आरंभ हो चुका है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होने के कारण अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखता है। फाल्गुन हिंदू कैलेंडर का अंतिम महीना है, जिसके बाद चैत्र माह आता है, जो हिंदू नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। इस समय में महाशिवरात्रि और होली जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। होली से पहले  आठ दिवसीय अवधि होती है, जिसे होलाष्टक कहा जाता है।

होलाष्टक के दौरान किसी नए या शुभ कार्यक्रम का होना अशुभ माना जाता है। हिंदू परंपराओं के अनुसार, इन आठ दिनों में ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं होती, जिससे जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं में रुकावटें आ सकती हैं। इसलिए, विवाह, गृह प्रवेश और नामकरण जैसे सभी शुभ कार्यों को टाल दिया जाता है। हालांकि, इस अवधि का एक आध्यात्मिक महत्व भी है, और सकारात्मकता और शांति बनाए रखने के लिए कुछ नियमों के पालन करने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं इस दौरान क्या करें क्या नहीं।

होलाष्टक 2025 प्रारंभ और समाप्ति तिथि

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 2025 में होलाष्टक 7 मार्च से प्रारंभ होगा और होली से एक दिन पूर्व, 13 मार्च को समाप्त होगा। यह अवधि होलिका दहन के साथ समाप्त होती है, जो नकारात्मकता को समाप्त करने और रंगों के आनंदमय त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है।

होलाष्टक के दौरान क्या करें

होलाष्टक के दौरान हनुमान चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इन पवित्र श्लोकों का पाठ करने से घर में शांति, सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
जरूरतमंदों को दान करें। वंचितों को भोजन, कपड़े और धन देना एक पुण्य कार्य है, जो समृद्धि और आशीर्वाद को आकर्षित करता है।
होलाष्टक के दौरान पितृ तर्पण करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस अवसर पर पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने से उनका आशीर्वाद और सकारात्मक कर्म प्राप्त होता है।
होलाष्टक के दौरान ग्रह शांति पूजा करें। इन अनुष्ठानों के माध्यम से ग्रहों की नकारात्मक चाल के प्रभावों को कम करने में सहायता मिलती है, जिससे जीवन में सद्भावना आती है।

होलाष्टक के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए

होलाष्टक के दौरान विवाह या किसी भी मांगलिक समारोह का आयोजन न करें। इस समय विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और नामकरण जैसे समारोहों का आयोजन नहीं करना चाहिए।
होलाष्टक के दौरान नए घर का निर्माण शुरू नहीं करना चाहिए।
होलाष्टक के दौरान सोना, चांदी या वाहन की खरीदारी से बचें। इस अवधि में कीमती धातुओं, संपत्ति या वाहनों की खरीद अशुभ मानी जाती है।
होलाष्टक के दौरान नया व्यवसाय या नौकरी शुरू करने से बचें। किसी भी नए व्यवसाय या पेशेवर प्रयास की शुरुआत के लिए होलाष्टक के बाद तक इंतजार करने की सलाह दी जाती है।