आज है कन्या संक्रांति, जानिए किन-किन राशियों के लोगों के लिए है खास महत्व
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वैदिक पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के मध्य में सूर्य एक राशि को छोड़कर दूसरी राशि में प्रवेश करता है, जिसे संक्रांति कहा जाता है। हम आपको सूचित करते हैं कि सूर्य जल्द ही कन्या राशि में प्रवेश करेंगे
 

जानिए कब मनाई जाएगी कन्या संक्रांति

शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि की जानकारी

सूर्य जल्द ही कन्या राशि में करने वाले हैं प्रवेश 

 

वैदिक पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के मध्य में सूर्य एक राशि को छोड़कर दूसरी राशि में प्रवेश करता है, जिसे संक्रांति कहा जाता है। हम आपको सूचित करते हैं कि सूर्य जल्द ही कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और पूरे एक महीने तक इसी राशि में रहेंगे। जिस दिन यह इस राशि में गोचर करेंगे, उस दिन को कन्या संक्रांति के नाम से जाना जाएगा। इस खास दिन पर सूर्य देव की पूजा करना जरूरी होता है। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति की सभी चिंताएं दूर हो जाती हैं। इस दिन स्नान, दान और सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को खोया हुआ मान-सम्मान और धन-संपदा वापस मिल जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कब है कन्या संक्रांति?


कन्या संक्रांति 16 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। कन्या संक्रांति पर नदी में स्नान करने और पितरों को तर्पण करने से जीवन में खुशियां आती हैं। इस दिन हम अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। कन्या संक्रांति तिथि प्रारंभ 15 सितंबर को रात्रि 8:02 बजे। इस दौरान सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करते हैं। इस संक्रांति की समाप्ति तिथि 16 सितंबर रात 8 बजकर 51 मिनट पर है। इस साल कन्या संक्रांति का त्योहार 16 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। 

कन्या संक्रांति शुभ मुहूर्त
इस साल कन्या संक्रांति 16 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी।  इस दिन पुण्य काल दोपहर 12:16 से शाम 06:25 तक रहेगा।  इस समय आप गंगा स्नान कर सकते हैं। महा पुण्य काल  16:22 से 18:25 तक रहेगा।  आप इस उपयुक्त समय पर दान कर सकते हैं।

कन्या संक्रांति पूजा विधि

  • कन्या संक्रांति के दिन सुबह स्नान करें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं।
  • चौकी पर कलश की स्थापना करें और सूर्य देव की मूर्ति पर रखें।
  • इसके बाद सूर्य देव को अक्षत, रोली और चंदन अर्पित करें। 
  • कन्या संक्रांति के दिन पूजा आरती के दौरान सूर्य देव के मंत्र का जाप और आरती की जाती है।
  • कन्या संक्रांति के अंत में आरती के बाद मिठाई का भोग लगाएं।