कार्तिक महीने का भगवान विष्णु से है खास कनेक्शन, जानिए इसे क्यों कहते हैं देवपक्ष
भगवान विष्णु का प्रिय माह है कार्तिक
यहां देखें कार्तिक माह के प्रमुख व्रत त्योहार की लिस्ट
जानिए क्या होने वाला है कार्तिक महीने में खास
कार्तिक माह भगवान विष्णु का प्रिय माह माना जाता है। इस समय विष्णु जी योग निद्रा से जागते हैं। इसलिए कार्तिक माह में भगवान विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। देश के कई राज्यों में कार्तिक माह को देव पक्ष के नाम से भी जाना जाता है।
कार्तिक माह के दौरान पवित्र नदी में स्नान करना, जरूरतमंद लोगों को दान देना और तुलसी पूजा करना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि देवी-देवताओं के आशीर्वाद से व्यक्ति को सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है और वह जीवन में सुखी रहता है।
हर साल कार्तिक माह में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आते हैं, जिनमें पूजा करने से भक्त को भगवान का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं इस बार कार्तिक मास कब और किस तारीख को आएगा। इसके साथ ही इस दौरान पड़ने वाले व्रत त्योहार के बारे में जानते हैं।
कार्तिक माह कब से ?
ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक महीना हर साल अक्टूबर और नवंबर के बीच आता है। इस साल कार्तिक महीना 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक है। इस दौरान करवा चौथ, धनतेरस, कार्तिक अमावस्या, छठ पूजा से लेकर दिवाली तक के त्योहार मनाए जाते हैं।
कार्तिक माह के प्रमुख व्रत-त्योहार
20 अक्टूबर 2024- करवा चौथ
28 अक्टूबर 2024- रमा एकादशी
29 अक्टूबर 2024- धनतेरस और प्रदोष व्रत
31 अक्टूबर 2024- नरक चतुर्दशी
01 नवंबर 2024- कार्तिक अमावस्या, लक्ष्मी पूजा और दीवाली
02 नवंबर 2024- गोवर्धन पूजा
03 नवंबर 2024- भैया दूज
07 नवंबर 2024- छठ पूजा
12 नवंबर 2024- देवउत्थान एकादशी
13 नवंबर 2024- तुलसी विवाह
14 नवंबर 2024- वैकुंठ चतुर्दशी और विश्वेश्वर व्रत
15 नवंबर 2024- देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा
करवा चौथ
करवा चौथ को सुहागों वाली रात कहा जाता है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ के रूप में मनाए जाने की परंपरा है. स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु, सुहाग की सलामति के लिए निर्जला व्रत करती हैं।
धनतेरस
धनतेरस हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है, जो प्रत्येक वर्ष बेहद खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन लोग धन और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी, धन्वंतरि जी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं।
दीपावली
हर साल दीवाली का त्यौहार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश, मां सरस्वती और कुबेर जी की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि दीपावली के दिन मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण के लिए आती है।
देवउठनी एकादशी
हिंदू धर्म में कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी की तिथि को देवउठनी एकादशी पर्व के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री विष्णु नींद से जागते हैं और इसी दिन से सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है. देवउठनी एकादशी के दिन ही चातुर्मास की समाप्ति भी होती है।
देव दिवाली
कार्तिक मास की अमावस्या पर मनुष्यों की दीपावली के ठीक 15 दिन बाद देवतागण भी बड़ी धूम-धाम से दिवाली मनाते हैं, जिसे देव दीपावली के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि देव दीपावली पर्व को मनाने के लिए सभी देवी-देवता पृथ्वी पर उतर कर आते हैं, जिनके स्वागत में काशी में लोग लाखों की संख्या में दीये जलाकर यह पर्व मनाते हैं।
कार्तिक मास के नियम
कार्तिक माह में सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इससे साधक के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। कार्तिक माह में तुलसी सेवा का विशेष महत्व है। ऐसे में रोजाना तुलसी के नीचे दीपक जलाएं और उसकी परिक्रमा करें। कार्तिक माह में अन्न, ऊनी वस्त्र, तिल, दीपक और आंवला का दान करना बहुत लाभकारी होता है।