कार्तिक पूर्णिमा 2025 : इन 7 महादान से बरसेगी भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा, जानें सही पूजा विधि और महत्व

कार्तिक पूर्णिमा को महादान का दिन माना जाता है। जानें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए किन 7 चीजों का दान करें। अन्न दान, दीपदान और स्नान-दान का विशेष महत्व। कार्तिक पूर्णिमा 2025 की सही पूजा विधि।
 

पाप मुक्ति और धन-संपदा के लिए कार्तिक पूर्णिमा पर करें ये काम

दीपदान और अन्नदान का अचूक महत्व

महादान से बरसेगी भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा

हिंदू धर्म में कई तीज-त्योहार और विशेष दिनों पर भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है, लेकिन कार्तिक का पूरा महीना ही विशेष रूप से खास होता है। माना जाता है कि ये पूरा महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस महीने किया गया स्नान और दान सौ गुना ज्यादा फलदायी होता है। कार्तिक पूर्णिमा, जो इस माह का आखिरी दिन होता है, धर्म और दान की दृष्टि से अति फलदायक दिन है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा या गंगा स्नान पूर्णिमा भी कहते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और फल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से सभी ज्ञात-अज्ञात पापों का नाश होता है। साथ ही, यह माना जाता है कि इस दिन के दान और स्नान से धन-धान्य, सुख-संपदा तथा ईश्वर की कृपा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह वह दिन है जब भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए इस दिन देवताओं ने भी प्रसन्न होकर दीप जलाए थे। यही कारण है कि इस दिन दीपदान का विशेष महत्व है।

महादान जो दिलाएंगे मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा
कार्तिक पूर्णिमा पर दान करने से पहले यह जानना महत्वपूर्ण है कि किन चीजों का दान सबसे अधिक शुभ माना जाता है। ये 7 चीजें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए अत्यंत लाभकारी हैं:

1. अन्न दान: भंडार भरने का आशीर्वाद
कार्तिक पूर्णिमा के दिन अन्न दान करने का बड़ा महत्व है। इस दिन गेहूं, चावल, दालें, आटा या चीनी का दान किया जा सकता है। माना जाता है कि जो भी पूर्णिमा को अन्न का दान करता है, उसके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती और अन्न के भंडार हमेशा भरे रहते हैं। यह दान दरिद्रता को दूर करता है।

2. दीपदान: अंधकार पर प्रकाश की जीत
दीपदान करना इस दिन का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के पास किसी मंदिर पर, पवित्र नदी के घाट पर या पीपल के वृक्ष के नीचे दीपदान करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन के अंधकार (समस्याओं) से छुटकारा मिलता है और ज्ञान व समृद्धि का प्रकाश आता है।

3. तिल, गुड़ और घी का दान: उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति
तिल, गुड़ और घी का दान करना भी शुभ होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इन तीनों चीजों का दान करने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति निरोगी रहता है। माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की सदैव कृपा बनी रहती है।

4. वस्त्रों का दान: धन की कमी से मुक्ति
कार्तिक पूर्णिमा के दिन वस्त्रों का दान करना शुभ माना जाता है। चूंकि यह सर्दी का समय होता है, इसलिए गर्म कपड़ों या कंबल का दान करना ज्यादा अच्छा रहता है। माना जाता है कि इस दान से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं और दानकर्ता को कभी पैसों की कमी नहीं होने देते।

5. ब्राह्मणों को भोजन कराना: पुण्य की प्राप्ति
इस दिन मीठे व्यंजनों का दान करना या ब्राह्मणों/गरीबों को आदरपूर्वक भोजन कराना अत्यंत उत्तम रहेगा। ब्राह्मणों को भोजन कराने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दान की विधि
दान करने से पहले कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है ताकि दान का पूरा फल मिल सके।

1-पवित्र स्नान: कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। यदि आप पवित्र नदियों से दूर रहते हैं, तो घर में मौजूद गंगाजल या यमुनाजल को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करें। ऐसा करने से पवित्र नदियों में स्नान करने जितना ही पुण्य मिलता है।

2-संकल्प और पूजा: स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। इसके बाद सच्चे भाव से दान करने का संकल्प लें।

3-सच्चे मन से दान: दान पूरी इच्छा और श्रद्धा से करना चाहिए। दान की जाने वाली वस्तुएं शुद्ध और सात्विक होनी चाहिए। दान हमेशा जरूरतमंद व्यक्ति को ही करें।

इस प्रकार, कार्तिक पूर्णिमा का दिन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह दान और परोपकार के माध्यम से पाप मुक्ति और भौतिक सुख-समृद्धि प्राप्त करने का भी एक सुनहरा अवसर है।