आज रखा जा रहा है करवा चौथ का व्रत, जान लीजिए भद्रा व पूजा का सही समय
 

करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 46 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में आप करवा चौथ की पूजा कर सकती हैं।
 

पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत

ऐसे करिए व्रत व पूजा की तैयारी

ये है पूजा का सबसे सटीक समय

एक बार फिर से हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत रखा जा रहा है। आज के दिन  विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य, खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद रात को छलनी से चांद के दर्शन कर और अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं।

हमारी मान्यता के अनुसार इस पर्व पर भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, चंद्रमा की पूजा करने का विधान बताया गया है। आइए जानते हैं करवा चौथ का शुभ मुहूर्त, पूजन सामग्री, चंद्रोदय का समय के साथ साथ पूजा के मंत्र के बारे में पूरी जानकारी एक साथ...

करवा चौथ 2024 तिथि
हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन कल 21 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर होगा। इसके चलते 20 अक्टूबर यानी आज ही करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा।

करवा चौथ 2024 पूजा का शुभ मुहूर्त
करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 46 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में आप करवा चौथ की पूजा कर सकती हैं। यही सर्वोत्तम समय है।

करवा चौथ पूजा सामाग्री
करवा माता की तस्वीर, छलनी, कुमकुम, रोली, चन्दन, फूल, कलश भर जल, हल्दी, चावल, मिठाई, अक्षत, पान, मिट्टी का करवा (कलश), दही, देसी घी, कच्चा दूध, मौली, शक्कर, शहद, नारियल, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ इत्यादि जरूर शामिल करते हैं।

पूजा थाली में क्या-क्या रखें?
करवा चौथ की थाली में चांद को अर्घ्य देने के लिए तांबे का लोटा, फल-फूल, सुहाग से जुड़ा सामान, करवा माता की तस्वीर, सींक, करवा, छलनी, दीया, जल, मिठाई, रोली, चंदन, कुमकुम, अक्षत, सिंदूर रखा जाता है।

भद्रा लगने का समय
इस साल करवा चौथ पर भद्रा का भी साया रहेगा। सुबह 6 बकर 24 मिनट से लेकर सुबह 6 बजकर 46 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा।

पूजा में करें इन मंत्रों का जाप
1. मां पार्वती की पूजा का मंत्र

देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि मे परम् सुखम्। सन्तान देहि धनं देहि सर्वकामांश्च देहि मे।।

2. गणेश पूजा मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

3. शिव पूजा मंत्र

ओम नम: शिवाय

4. कार्तिकेय जी का मंत्र

'ॐ षण्मुखाय नमः'

5. चंद्र देव पूजा मंत्र

'ॐ सोमाय नमः'