आज है अंतिम बड़ा मंगल, पढ़िए हनुमानजी की पूजा विधि, हनुमान जी के मंत्र व आरती, हनुमानजी को इन चीजों का लगाएं भोग 

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हिंदू धर्म में हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए मंगलवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। यदि यह मंगलवार ज्येष्ठ माह में हो, तो इसकी महत्ता अधिक बढ़ जाती है।
 

हिंदू धर्म में हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए मंगलवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। यदि यह मंगलवार ज्येष्ठ माह में हो, तो इसकी महत्ता अधिक बढ़ जाती है। बता दें ज्येष्ठ माह में आने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहा जाता है। 


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ माह के मंगलवार को भगवान राम और हनुमानजी की पहली बार मुलाकात हुई थी। तभी से इस महीने में आने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है। इस दिन वीर बजरंगी की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याओं का निवारण होने लगता है।


मान्यता है कि बड़े मंगल को हनुमानजी की विधिपूर्वक पूजा करने के साथ-साथ उनके प्रिय भोग भी लगाने चाहिए,  इससे तरक्की के योग बनते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है। इस साल पहला बड़ा मंगल 28 मई 2024 के दिन मनाया गया था। वहीं अब इस माह का अंतिम बड़ा मंगल 18 जून को है। इस दिन उन्हें उनके प्रिय भोग लगाने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। आइए इनके बारे में जान लेते हैं।


हनुमानजी की पूजा विधि


साल के आखिरी बड़े मंगल पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर पूजा स्थल पर पहुंचे। आप हनुमानजी की मूर्ति या प्रतिमा को पूजा स्थल पर रखें, उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं। फिर पंचामृत से भी स्नान कराएं। बाद में साफ पानी से भी स्नान जरूर करवाएं। आप हनुमानजी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और उनकी प्रिय चीजें अर्पित करें। इस दौरान उन्हें पान का बीड़ा जरूर चढ़ाएं। बाद में उनकी आरती करें। पूजा समाप्त करने के बाद जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।


हनुमानजी को इन चीजों का लगाएं भोग

साल के आखिरी बड़े मंगल पर हनुमानजी को चूरमा के लड्डू का भोग लगा सकते हैं, उन्हें ये बहुत प्रिय है। माना जाता है कि लड्डू का भोग लगाने से बजरंगबली भक्तों पर अतिशीध्र प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान देते है। 
बड़े मंगल पर हनुमानजी को पान का बीड़ा चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से बड़े से बड़े कार्य में भी सफलता मिलती है और बाधाएं दूर होने लगती हैं।


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भक्त हनुमानजी को केसर भात का भोग लगाता है, तो उसकी कुंडली में मंगल दोष मिट जाता है। यही नहीं उस व्यक्ति के सभी संकटों का समाधान खुद निकलने लगता है।बड़े मंगल पर हनुमानजी को नारियल चढ़ाएं। माना जाता है कि इससे वह प्रसन्न होते है, और भक्तों पर कृपा करते हैं। नारियल चढ़ाने से हनुमानजी हमेशा हमारे रक्षक बने रहते है। हालांकि इस बात का ध्यान रहे कि कभी भी नारियल को तोड़ कर अर्पित न करें।


साल के आखिरी बड़े मंगल पर बजरंगबली को भुने हुए चने और गुड़ का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। इससे परिवार से सभी तरह के लड़ाई-क्लेश दूर हो जाते हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है।


हनुमान जी के मंत्र

भय नाश करने के लिए हनुमान मंत्र  
हं हनुमंते नम:।

स्वास्थ्य के लिए मंत्र  
नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा

संकट दूर करने का मंत्र
ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

कर्ज मुक्ति के मंत्र 
ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।

मनोकामना के लिए मंत्र 
ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते. हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये। नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।

प्रेत भुत बाधा के लिए मंत्र 
हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल: अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।


हनुमान जी की आरती


आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।
पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।
बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।