कब है मौनी अमावस्या, जानें मुहूर्त और गंगा नहान का महत्व
मौनी अमावस्या का विशेष महत्व
प्रयागराज में लगने वाले माघ मेले में होता है कल्पवास
मौनी अमावस्या पर स्नान और दान से मिलता है पुण्य
सभी 12 अमावस्या में सोमवती अमावस्या के साथ मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या, माघ अमावस या माघ अमावस्या के नाम से भी जानते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार मौनी अमावस्या माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होती है। प्रयागराज में लगने वाले माघ मेले में मौनी अमावस्या का स्नान सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। मौनी अमावस्या पर स्नान और दान करने से पुण्य मिलता है, पाप मिटते हैं। पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि करने से जीवन में सुख और शांति आती है।
नए साल 2024 की मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि किस दिन मौनी अमावस्या है? मौनी अमावस्या के स्नान, दान और पूजा का मुहूर्त क्या है? मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग कब से कब तक है?
कब है मौनी अमावस्या 2024?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष की आमवस्या तिथि 9 फरवरी दिन शुक्रवार को सुबह 08 बजकर 02 मिनट से शुरू होगी। इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 10 फरवरी शनिवार को प्रात: 04 बजकर 28 मिनट पर होगी। अमावस्या तिथि 10 फरवरी को सूर्योदय पूर्व ही समाप्त हो जा रही है, इस वजह से मौनी अमावस्या 9 फरवरी शुक्रवार को मनाई जाएगी।
मौनी अमावस्या 2024 मुहूर्त
मौनी अमावस्या वाले दिन पवित्र नदियों में ब्रह्म मुहूर्त से ही स्नान प्रारंभ हो जाएगा। मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:21 एएम से सुबह 06:13 एएम तक है। इसके अलावा सुबह 07 बजकर 05 मिनट से पूरे दिन स्नान, दान और पूजा के लिए शुभ समय है।
मौनी अमावस्या के दिन का शुभ मुहूर्त यानि अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से दोपहर 12 बजकर 58 मिनट तक है। उस दिन का सूर्योदय 07:05 एएम पर होगा और सूर्यास्त 06:06 पीएम पर होगा। मौनी अमावस्या पर श्रवण नक्षत्र प्रात:काल से रात 11:29 पीएम तक है।
सर्वार्थ सिद्धि योग में मौनी अमावस्या 2024
मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 05 मिनट से बन रहा है, जो रात 11 बजकर 29 मिनट तक है। यह एक शुभ योग है। सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए दान, पूजा पाठ का पूर्ण फल प्राप्त होता है। उस दिन व्यतीपात योग भी बन रहा है, जो सुबह से शाम 07:07 बजे तक है।
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या के दिन गंगा जैसे पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य मिलता है। इस दिन मौन व्रत रखकर आत्म चिंतन करते हैं, तन और मन को शुद्ध करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या को मां गंगा का जल अमृत के समान हो जाता है। जो गंगा में स्नान करता है, उसके पाप मिट जाते हैं और वह मोक्ष प्राप्ति का भागी होता है।