फुलेरा दूज पर जरूर करें श्री राधा कृष्ण स्तोत्र का चमत्कारी पाठ, ये देते हैं जीवन में सफल होने के लिए संबल

फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनायी जाती है फुलेरा दूज
सुख-समृद्धि का आशीर्वाद होता है प्राप्त
इसके जाप से सभी क्षेत्रों में मिल सकती है सफलता
हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा के लिए फुलेरा दूज का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
मान्यता है कि इस खास दिन पर राधा-कृष्ण की पूजा करने से जीवन में आ रही सभी तरह की परेशानियां दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही इस खास दिन पर श्री राधा कृष्ण स्तोत्र का पाठ करने से भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है।
श्री राधा कृष्ण स्तोत्र
वन्दे नवघनश्यामं पीतकौशेयवाससम् ।
सानन्दं सुन्दरं शुद्धं श्रीकृष्णं प्रकृतेः परम् ॥
राधेशं राधिकाप्राणवल्लभं वल्लवीसुतम् ।
राधासेवितपादाब्जं राधावक्षस्थलस्थितम् ॥
राधानुगं राधिकेष्टं राधापहृतमानसम् ।
राधाधारं भवाधारं सर्वाधारं नमामि तम् ॥
राधाहृत्पद्ममध्ये च वसन्तं सन्ततं शुभम् ।
राधासहचरं शश्वत् राधाज्ञापरिपालकम् ॥
ध्यायन्ते योगिनो योगान् सिद्धाः सिद्धेश्वराश्च यम् ।
तं ध्यायेत् सततं शुद्धं भगवन्तं सनातनम् ॥
निर्लिप्तं च निरीहं च परमात्मानमीश्वरम् ।
नित्यं सत्यं च परमं भगवन्तं सनातनम् ॥
यः सृष्टेरादिभूतं च सर्वबीजं परात्परम् ।
योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् ॥
बीजं नानावताराणां सर्वकारणकारणम् ।
वेदवेद्यं वेदबीजं वेदकारणकारणम् ॥
योगिनस्तं प्रपद्यन्ते भगवन्तं सनातनम् ।
गन्धर्वेण कृतं स्तोत्रं यः पठेत् प्रयतः शुचिः ।
इहैव जीवन्मुक्तश्च परं याति परां गतिम् ॥
हरिभक्तिं हरेर्दास्यं गोलोकं च निरामयम् ।
पार्षदप्रवरत्वं च लभते नात्र संशयः ॥