9 नवंबर को रखा जाएगा रमा एकादशी व्रत, जानिए पारण का सही समय
 

दरअसल, एकादशी उदया तिथि में होने के कारण रमा एकादशी का व्रत 9 नवंबर को रखा जाएगा। इसी के साथ व्रत का पारण 10 नवंबर को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से लेकर 8 बजकर 50 मिनट के बीच करना शुभ रहने वाला है।
 

रमा एकादशी व्रत का है खास महत्व

बैकुंठ की प्राप्ति के लिए करते हैं व्रत

विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ होता है उपयोगी

हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का व्रत रमा एकादशी कहा जाता है। अबकी बार रमा एकदाशी 9 नवंबर को पड़ने जा रही है। एकादशी तिथि के आरंभ सुबह 8 बजकर 23 मिनट पर होगा और 9 नवंबर को सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। दरअसल, एकादशी उदया तिथि में होने के कारण रमा एकादशी का व्रत 9 नवंबर को रखा जाएगा। इसी के साथ व्रत का पारण 10 नवंबर को सुबह 6 बजकर 39 मिनट से लेकर 8 बजकर 50 मिनट के बीच करना शुभ रहने वाला है।

रमा एकादशी व्रत पूजा विधि
रमा एकादशी के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा मंदिर में स्थापित करें। यदि आपके पास पहले से ही प्रतिमा है तो भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक कराएं।

इसके बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि विधान के साथ करें।
इसके बाद भगवान विष्णु को धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प अर्पित करें।
इसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें साथ ही रमा एकादशी की व्रत कथा पढ़ें।
अंत में ब्राह्मणों को भोजन कराकर और दान देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।

रमा एकादशी व्रत से होने वाले लाभ
पद्म पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति रमा एकादशी का व्रत करता है। उससे भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं और उसे बैकुंठ की प्राप्ति होती है। साथ ही रमा एकादशी के व्रत रखने से व्यक्ति को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस दुन माता लक्ष्मी की पूजा करने का भी विधान है।