रमजान का दिखा चांद, तापमान की गर्मी भी रोजेदारों का लेगी इम्तिहान

मुबारक महीना इस बार मोमिनों के सब्र का पूरा इम्तिहान लेगा। भीषण गर्मी में 15 घंटे से अधिक समय तक भूख और प्यास बर्दाश्त करना होगी।
 

आज से शुरू हो गयी मस्जिदों में तरावीह

कल होगा रमजान का पहला रोजा

खत्म हुआ सबका इंतजार

चंदौली जिले में बृहस्पतिवार को  शाम चांद नजर आते ही माहे मुबारक रमजान की शुरुआत हो गई। शुक्रवार को मुस्लिम समाज द्वारा पहला रोजा रखा जाएगा। इसी के साथ एक माह तक मसजिदों और घरों में विशेष इबादतें की जाएगी।


आपको बता दें कि रमजान का मुबारक महीना इस बार मोमिनों के सब्र का पूरा इम्तिहान लेगा। भीषण गर्मी में 15 घंटे से अधिक समय तक भूख और प्यास बर्दाश्त करना होगी। तापमान की गर्मी भी रोजेदारों का इम्तिहान लेगी, खुदा के दरबार में अपनी अर्जी लगाने के लिए रोजेदारों ने भी पूरी तैयारी कर ली है। इस वर्ष रोजा मोमिनों के लिए न सिर्फ खास है बल्कि बेहद मुकद्दस भी माना जा रहा है। रमजान में रोजा अहम इबादत है। रमजान अल्लाह तआला का महीना है। अल्लाह फरमाता है कि रोजेदार को उसके रोजे का बदला मैं खुद दूंगा। इसे कुरआन का महीना भी कहा जाता है। रमजान में पांचों वक्त की नमाज के अलावा इशा की नमाज के बाद बीस रकात तरावीह में कुरआन का पूरे माह सुनना जरूरी है। रमजान में कुरआन की तिलावत भी अहम इबादत है। वहीं रोजा इफ्तार करवाने में भी बड़ा सवाब है। लोग इफ्तार पार्टियां भी आयोजित करते हैं। मसजिदों में शाम को सामूहिक रोजा इफ्तार भी होगा। रमजान के लिए समाजजनों ने तैयारी पूरी कर ली है। गर्मी को देखते हुए मसजिदों में विशेष इंतजाम भी किए गए हैं।

 मुस्लिम समुदाय के लोग कैसे रखते हैं रोजा

इस दौरान मौलाना मंसूर आलम ने बताया कि रात के आखिरी पहर सुबह सादिक से पहले सहेरी (हल्का खाना खाकर) कर रोजे की नीयत करके रोजा रखा जाता है। रोजा सिर्फ भूखे प्यासे रहने का नाम नहीं है। रोजा आंख, हाथ, पैर, दिल, मुंह सभी का होता है। ताकि रोजा रखने वाला इंसान हमेशा बुराई से तौबा करता रहे और बुराइयों से बचता रहे।