सावन के दूसरे सोमवार पर बन रहा विशेष योग, शुभ फलदायी होगी भोलेनाथ की पूजा
सावन का दूसरा सोमवार 2 अगस्त को है जो इस बार शुभ योग लेकर आया है। इस योग में शिव पूजा और अधिक फलदायी होगी।
सावन का दूसरा सोमवार 2 अगस्त को है और इस दिन कृतिका नक्षत्र पड़ रहा है जिसका सीधा संबंध भोलेनाथ के पुत्र कार्तिकेय से है।
देवों के देव महादेव को प्रिय है सावन का महीना और सावन के सोमवार को तो शिवभक्त भोलेनाथ की विशेष पूजा करते हैं साथ ही व्रत भी रखते हैं। सावन का दूसरा सोमवार 2 अगस्त को है जो इस बार शुभ योग लेकर आया है। इस योग में शिव पूजा और अधिक फलदायी होगी। जो भक्त शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं वे विधिपूर्वक पूजा करके, व्रत रखके न सिर्फ अपने कष्ट दूर कर सकते हैं बल्कि शिव से मनचाहा वरदान भी पा सकते हैं। वहीं इन लोगों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि शिव पूजा में इनसे किसी तरह की कोई गलती न हो वरना शिव नाराज भी हो सकते हैं।
शुभ योग में होगी दूसरे सोमवार की शिव पूजा
सावन का दूसरा सोमवार 2 अगस्त को है और इस दिन कृतिका नक्षत्र पड़ रहा है जिसका सीधा संबंध भोलेनाथ के पुत्र कार्तिकेय से है। इस दिन की गई शिव पूजा विशेष फलदायी होगी। यही नहीं बल्कि इस दिन सूर्य कर्क राशि में बुध ग्रह के बुधादित्य योग का निर्माण भी कर रहा है। इस योग में शिव पूजन करने से बुध ग्रह मजबूत होता है। साथ ही सावन का दूसरा सोमवार नवमी तिथि को है जो कि भगवान राम और सिद्धिदात्री दुर्गा से संबंधित है। इस दिन सूर्य पूजा भी लाभदायी होगी। इस तरह देखा जाए तो जो भक्त इस दिन पूरे विधि-विधान से शिव पूजा करेगा, व्रत रखेगा उसके सारे कष्ट दूर होंगे और उसे मनचाहा फल मिलेगा।
शिव पूजा में करें इन चीजों का प्रयोग
अगर आप पूरे विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करना चाहते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पहले से शिव को प्रिय पूजन सामग्री इकट्ठा कर लेनी चाहिए जिससे कि पूजा के समय किसी चीज की कमी न रहे।
इसके लिए पूजा के बर्तन, दही, शुद्ध घी, पंच फल, कपूर, धूप, दीपक, कच्चा दूध, इत्र, पंचरस, पवित्र जल, गंगाजल, पांच प्रकार की मिठाई, बेलपत्र, धतूरा, भांग, पंचमेवा, आम्र मंजरी, तुलसी दल, मंदरा पुष्प, जौ, दक्षिणा, चांदी, सोना, रत्न, रूई, पार्वती जी के सोलह श्रृंगार के समान आदि लाकर रख लें।
ऐसे करें सावन सोमवार पर भोलेनाथ की पूजा
- सबसे पहले आप सुबह जल्दी उठें और नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि करें।
- स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
-भगवान शिव जी की प्रतिमा और शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं।
- शिव जी की प्रतिमा या शिवलिंग पर दूध अर्पित करें।
- भगवान शिव जी को सफेद फूल अर्पित करें।
- उन्हें बेलपत्र, दही, शहद, तुलसी दल आदि भी अर्पित करें।
- अब भगवान शिव जी को पांच तरह के फल और मिठाई का भोग लगाएं।
- भोग लगाने के बाद भगवान शिव जी की आरती करें।
- इस दौरान पूरे दिन आपको सात्विक चीजें ही खाना है।
- अधिक से अधिक समय भगवान शिव जी के मंत्रों का ही जाप करें।
इन मंत्रों का करें जाप
- ॐ नमः शिवाय।
- नमो नीलकण्ठाय।
- ॐ पार्वतीपतये नमः।
- ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
- ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
महामृत्यंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।