अगर शनिदेव के प्रकोप से है बचना है तो इन 5 देवी-देवताओं की जरूर करें आराधना
शनिदेव का नाम सुनते ही ज्यादातर लोगों का मन डर से कांप उठता है। वे शनिदेव से इतना डरते हैं कि उनका नाम लेने से भी कतराने लगते हैं लेकिन आपको बता दें कि शनिदेव को अकारण ही क्रोध नहीं आता है बल्कि जब कोई व्यक्ति किसी पर अन्याय करता है या फिर बुरे कर्म करता है, तो वह शनिदेव के प्रकोप का भागी बनता है। शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। बुरे कर्मों और अन्यायी व्यक्ति पर शनिदेव की साढ़े साती और ढैय्या लगती है। शनिदेव के तिरछी दृष्टि होने पर लोगों को कष्ट झेलना पड़ता है। यह भी एक कारण है कि लोग शनिदेव के प्रकोप से बहुत डरते हैं।
आपको भी अगर शनिदेव से डर लगता है, तो आपके अपने कर्मों पर ध्यान जरूर देना चाहिए क्योंकि अच्छे कर्म और न्याय जैसे गुण ही शनिदेव को शांत रख सकते हैं। इसके अलावा ऐसे पांच देवी-देवता भी हैं, जिनकी आराधना से शनिदेव को शांत रख सकते हैं। आइए, जानते हैं कौन-से हैं वे देवी-देवता-
श्रीकृष्ण
शनिदेव को श्रीकृष्ण का परमभक्त माना जाता है। इस कारण से श्रीकृष्ण के भक्तों को शनिदेव परेशान नहीं करते। आप भी अगर श्रीकृष्ण के भक्त हैं और पूरी निष्ठा के साथ उनकी भक्ति करते हैं, तो शनिदेव का प्रकोप कभी आप पर नहीं पड़ सकता।
हनुमान जी
आप अगर हनुमान जी के भक्त हैं, तो आपको शनिदेव का प्रकोप कभी नहीं झेलना पड़ेगा। एक बार जब शनिदेव को अपनी शक्तियों का अहंकार होने लगा था, तो हनुमान जी शनिदेव का अहंकार तोड़ा था। तब से शनिदेव रामभक्त हनुमान का बहुत सम्मान करते हैं और उनके भक्तों को परेशान नहीं करते।
भगवान शिव
आप अगर शिव भक्त हैं, तो शनिदेव की छत्रछाया आप पर हमेशा बनी रहेगी। भगवान शिव को शनिदेव का गुरु माना जाता है, इसलिए शनिदेव अपने गुरु का बहुत सम्मान करते हैं। भगवान शिव की स्तुति करने से आप शनिदेव के प्रकोप से बचे रह सकते हैं और आप पर न्याय के देवता शनिदेव की कृपा होती है।
पीपल का पेड़
आपको पता होगा कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। पीपल के पेड़ में विष्णु जी सहित कई देवताओं का वास माना जाता है। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक भी जलाया जाता है। आपकी राशि में अगर शनिदेव का प्रकोप चल रहा है, तो आपको शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जरूर जलाना चाहिए, इससे शनिदेव का प्रकोप शांत होता है।
देवी नीलम रत्ना
शनिदेव की पहली पत्नी देवी नीलमरत्ना को नीलम या नीलिमा नाम से भी जाना जाता है। शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए आप उनकी पत्नी का ध्यान करके उनकी स्तुति कर सकते हैं। देवी नीलम रत्ना शनिदेव को श्राप भी दे चुकी हैं। पौराणिक कहानी के अनुसार शनिदेव श्रीकृष्ण के परम भक्त थे, वे हमेशा उनकी भक्ति में लीन रहते थे। एक दिन उनकी पत्नी प्रेम निवेदन करने के लिए उनके समीप आईं लेकिन शनिदेव भक्ति में इतने लीन थे कि उन्होंने देवी नीलम रत्ना को देखा भी नहीं। इस अपमान से क्रोधित होकर उनकी पत्नी ने उन्हें श्राप दिया कि वो जिसे भी दृष्टि उठाकर देखेंगे, वो नष्ट हो जाएगा। इसी कारण शनिदेव अपनी दृष्टि नीची करके चलते हैं, ताकि किसी का अनिष्ट ना हो।