गणेश चतुर्थी पर यूं शुभ मुहूर्त में करेंगे गणपति की स्थापना तो पूरी होगी मनोकामना

गणेश चतुर्थी का त्यौहार 10 सितंबर शुक्रवार को मनाया जाएगा और इसी दिन से शुरू होगा गणेशोत्सव जो पूरे दस दिनों तक चलेगा। 

 

गणेश चतुर्थी का पावन पर्व भगवान गणपति को समर्पित है और इस दिन पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा की जाती है। गणेश जी को शास्त्रों में बुद्धि का दाता बताया गया है साथ ही विघ्नहर्ता गणेश प्रथम पूज्य भी है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में गणेश जी को भगवान श्रीकृष्ण का रूप बताया गया है। 

भादो माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। खासतौर पर महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की धूम देखने को मिलती है पर अब तो देश के कई हिस्सों में गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है और लोग घरों में गणपति की स्थापना करने लगे हैं। इस बार गणेश चतुर्थी का त्यौहार 10 सितंबर शुक्रवार को मनाया जाएगा और इसी दिन से शुरू होगा गणेशोत्सव जो पूरे दस दिनों तक चलेगा। 

गणेश चतुर्थी का पावन पर्व भगवान गणपति को समर्पित है और इस दिन पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा की जाती है। गणेश जी को शास्त्रों में बुद्धि का दाता बताया गया है साथ ही विघ्नहर्ता गणेश प्रथम पूज्य भी है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में गणेश जी को भगवान श्रीकृष्ण का रूप बताया गया है। 

10 सितंबर शुक्रवार को गणपति बप्पा मोरया के जयकारों के साथ शुरू होगा गणेशोत्सव। दस दिनों तक गणपति सबके घरों में विराजेंगे और फिर अनंत चतुर्दशी के दिन उनका विसर्जन किया जाएगा। यह तो पता ही है कि गणेश चतुर्थी का पर्व तीन चरणों में मनाया जाता है, पहले चरण में गणेश जी का आगमन होता है यानि गणेश जी को घर में लाया जाता है, इसके बाद भगवान गणेश जी की स्थापना की जाती है। गणेश जी की स्थापना विधिपूर्वक करनी चाहिए और दस दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए। तीसरे चरण में गणेश जी का विसर्जन किया जाता है।

गणेश चतुर्थी पूजन का  शुभ मुहूर्त

गणेश चतुर्थी- 10 सितंबर, 2021
मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त- प्रातः 11:03 से दोपहर 01:32 बजे तक
चतुर्थी तिथि शुरू- 10 सितंबर 2021, को दोपहर 12:18 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त- 10 सितंबर 2021, को रात 09:57 बजे

गणेश महोत्सव आरंभ- 10 सितंबर, 2021
गणेश महोत्सव समापन- 19 सितंबर, 2021
गणेश विसर्जन- 19 सितंबर 2021, रविवार

गुरुवार 9 सितंबर 2021 को चतुर्थी तिथि रात्रि 12 बजकर 18 मिनट से आरंभ होगी, जो 10 सितंबर 2021 की रात 9 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। गणेश जी की मूर्ति स्थापना का मुहूर्त शुक्रवार सुबह सूर्योदय से पूरा दिन बना हुआ है।

गणेश चतुर्थी के दिन सुबह 06:04 बजे से दोपहर 12:58 बजे तक रवि योग है। ब्रह्म योग भी शाम 05:43 बजे तक है। रवि योग में गणेश चतुर्थी का प्रारंभ हो रहा है, वहीं गणेश चतुर्थी पूजा का मुहूर्त दिन में 11:03 बजे से दोपहर 01:33 बजे तक है। ऐसे में आप गणपति स्थापना पूजा मुहूर्त में कर लें। या फिर इस दिन राहुकाल 10:44 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक है, इस समय को छोड़कर प्रात:काल से लेकर राहुकाल के प्रारंभ से पूर्व कर लें।


ऐसे करें गणपति स्थापना 

गणेश चतुर्थी पूजा के लिए आप मिट्टी से बनी गणपति प्रतिमा का चयन करें। यह पर्यावरण के अनुकूल रहेगी। गणपति को गाजे बाजे के साथ अपने घर लाएं। 

एक चौकी पर पीले वस्त्र का आसन लगाकर गणपति को स्थापित करें।

अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च।

श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम।।

इस मंत्र से मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करें।

अब गंगाजल और पंचामृत से गणेश जी का अभिषेक करें। उनको वस्त्र अर्पित करें। फिर चंदन, धूप, दीप, पुष्प, सिंदूर, जनेऊ, मोदक, फल आदि चढ़ाएंं। उसके बाद आरती करें। आप जितने दिन के लिए गणपति को अपने यहां रखना चाहते हैं, उतने दिन उनकी विधि विधान से सुबह और शाम की पूजा करें।

इन गणेश मंत्रों का जाप करें 

ॐ गं गणपतये नमः
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।