सावन का आखिरी शुक्रवार है बेहद खास, इस दिन यूं करेंगे वरलक्ष्मी व्रत व पूजा तो सुख-समृद्धि का मिलेगा वरदान
वरलक्ष्मी व्रत बेहद महत्वपूर्ण होता है और इस व्रत के फल को अष्टलक्ष्मी की पूजा के समान ही माना जाता है। इस बार वरलक्ष्मी व्रत 20 अगस्त 2021, शुक्रवार को रखा जाएगा।
माना जाता है कि वरलक्ष्मी की पूजा से सिर्फ आर्थिक तंगी ही दूर नहीं होती बल्कि घर में खुशहाली आती है, परिवार को सुख-शांति के साथ ही भौतिक सुख व वैभव का वरदान भी मिलता है। कुल मिलाकर जो लोग वरलक्ष्मी व्रत करते हैं और इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं उन्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती।
सावन माह के अब बस कुछ ही दिन बचे हैं और श्रावण पूर्णिमा के साथ ही समाप्त हो जाएगा। सावन का महीना पर्व व त्यौहारों का महीना है जो रक्षाबंधन जैसे त्यौहार के साथ ही खत्म होगा। वहीं राखी से दो दिन पहले यानी सावन के आखिरी शुक्रवार को रखा जाएगा वरलक्ष्मी व्रत और इस दिन पूरे विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी। वरलक्ष्मी व्रत बेहद महत्वपूर्ण होता है और इस व्रत के फल को अष्टलक्ष्मी की पूजा के समान ही माना जाता है। इस बार वरलक्ष्मी व्रत 20 अगस्त 2021, शुक्रवार को रखा जाएगा।
माना जाता है कि वरलक्ष्मी की पूजा से सिर्फ आर्थिक तंगी ही दूर नहीं होती बल्कि घर में खुशहाली आती है, परिवार को सुख-शांति के साथ ही भौतिक सुख व वैभव का वरदान भी मिलता है। कुल मिलाकर जो लोग वरलक्ष्मी व्रत करते हैं और इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं उन्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती। वरलक्ष्मी व्रत सुहागिन महिलाएं करती है पर पूजा में घर के सारे लोग शामिल होते हैं और पूजा के बाद कथा सुनी जाती है, आरती की जाती है साथ ही मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप भी किया जाता है।
वरलक्ष्मी पूजा की सामग्री
वरलक्ष्मी पूजा के पहले ही ये सारी सामग्री एकत्रित कर लें जिससे कि पूजा के समय आपको परेशानी नहीं होगी और न ही आपकी पूजा में किसी तरह की कोई कमी होगी।
वरलक्ष्मी पूजा के लिए चाहिए नारियल, लाल वस्त्र, चंदन, दूर्वा, दीप, धूप, माला, कुमकुम, कलश, अक्षत, फल, फूल, हल्दी, मौली, दर्पण, कंघा, आम के पत्ते, पान के पत्ते, दही, केले, पंचामृत, कपूर दूध और जल आदि से मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
वरलक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
वरलक्ष्मी व्रत शुक्रवार, अगस्त 20, 2021
सिंह लग्न पूजा मुहूर्त (प्रातः) – 5:53 से 07:59 तक
अवधि – 2 घण्टे 06 मिनट
वृश्चिक लग्न पूजा मुहूर्त (अपराह्न) – 12:35 से 2:54 तक
अवधि – 2 घण्टे 19 मिनट
कुम्भ लग्न पूजा मुहूर्त (सन्ध्या) – 6:40 से 08:07 तक
अवधि – 1 घण्टा 27 मिनट
वृषभ लग्न पूजा मुहूर्त (मध्यरात्रि) – 11:07 से 01:03 तक
अवधि – 01 घण्टा 56 मिनट
ऐसे करें वरलक्ष्मी पूजा
माता लक्ष्मी सारे भौतिक सुख प्रदान करती है और घर में उनका आगमन हो जाए, उनकी कृपा प्राप्त हो जाए तो व्यक्ति को किसी चीज की कमी नहीं रहती। इसीलिए वरलक्ष्मी पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है।
इस दिन सुबह सवेरे जागकर दैनिक कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद पूजा घर की सफाई करके गंगाजल छिड़ककर उस स्थान को पवित्र कर लेना चाहिए। उसके बाद श्रद्धा भाव से व्रत रखने का संकल्प करें। मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति को लाल कपड़े के ऊपर स्थापित कर लें। इसके बाद अक्षत के ऊपर कलश में जल भरकर रखने के बाद कलश के चारों तरफ से चंदन लगा लेना चाहिए। माता लक्ष्मी और गणेश को पूजा का समान अर्पित करें। पूजा के बाद वरलक्ष्मी व्रत कथा का पाठ करें। अंत में आरती करके सभी भक्तजनों के बीच प्रसाद का वितरण करना चाहिए।
वरलक्ष्मी व्रत के दिन करें ये खास उपाय
वरलक्ष्मी व्रत शादीशुदा महिलाओं व पुरुषों द्वारा ही रखा जाता है। कुंवारे लड़के-लड़कियां ये व्रत नहीं रखते। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर ये लोग कैसे मां लक्ष्मी को प्रसन्न करें जिससे कि इन्हें भी सुख-समृद्धि व सफलता का वरदान मिले।
तो आइये यहां हम कुछ उपायों के बारे में बता रहे हैं जिनको करके आप मां लक्ष्मी का वरदान पा सकते हैं और आप पर भी मां लक्ष्मी की कृपा बरस सकती है और आप भी मालामाल हो सकते हैं।
-सबसे पहले तो आप शुक्रवार को शाम के समय अपने पूजा घर में एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर मां लक्ष्मी और गणेश भगवान की प्रतिमा रखें। इसके बाद गणेशजी के समक्ष घी का और माता को सरसों के तेल का दीपक अर्पित करें। इसके बाद कुमकुम, हल्दी, चंदन पाउडर, चंदन, इत्र, फूल माला, धूप, वस्त्र, प्रसाद आदि चढ़ाएं। इसके बाद 5, 7 या 11 बार पहले ‘ॐ श्री गणेशाय नम:’ बोलें। इसके बाद नारायण और मां लक्ष्मी का ध्यान करें। फिर स्फटिक या कमल गट्टे की माला से महालक्ष्मी गायत्री मंत्र ‘ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्’ मंत्र की 1 माला से लेकर श्रद्धानुसार 5, 7, 11 आदि मालाएं जपें। इसके बाद भगवान की आरती गाएं और अंत में सभी को प्रसाद बांट दें। इस तरह पूजा करने से गणपति और महालक्ष्मी दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और आर्थिक संकट दूर होते हैं।
-शुक्रवार को शाम के समय महालक्ष्मी की पूजा करें और उनके चरणों में 7 कौड़ियां अर्पित करें। पूजा करने के बाद इन कौड़ियों को अपने घर में कहीं गड्ढा करके दबा दें। ये कौड़ियां कुछ ही दिनों में चमत्कारी असर दिखाएंगी और आपके घर में हमेशा के लिए धन की समस्याएं दूर हो जाएंगी।
-शुक्रवार की शाम को माता लक्ष्मी का नारायण के साथ पूजन करें। मंत्र जाप आदि करें। इसके बाद पीपल के पेड़ पर सुगंधित धूप जलाएं और आटे का दीपक जलाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपके घर में निवास करने लगती हैं और आपके सारे कष्ट हर लेती हैं।