आषाढ़ महीने में होती है स्कंद षष्ठी की पूजा, नि:संतान के लिए खास होता है इस पूजा महत्व    

हिन्दू धर्म में आषाढ़ महीने में आने वाली स्कंद षष्ठी का विशेष महत्व होता है। हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के छठे पुत्र कार्तिकेय देवता की पूजा की जाती है।
 

जल्द आने वाली स्कंद षष्ठी

खास है इस दिन पूजा पाठ व व्रत का महत्व

स्कंद षष्ठी पर इस विधि से करें पूजन

पूरी होगी संतान प्राप्ति की मनोकामना

हिन्दू धर्म में आषाढ़ महीने में आने वाली स्कंद षष्ठी का विशेष महत्व होता है। हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के छठे पुत्र कार्तिकेय देवता की पूजा की जाती है। देश के कई राज्यों में भगवान कार्तिकेय को देवता स्कन्द के नाम से जाना जाता है। इसी वजह से इस तिथि को स्कन्द षष्ठी भी कहा जाता है।


 स्कन्द षष्ठी के दिन खासतौर पर भगवान कार्तिकेय की पूजा करने के साथ-साथ व्रत भी रखा जाता है। हालांकि स्कन्द षष्ठी के व्रत में कुछ बातों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। नहीं तो भगवान कार्तिकेय के क्रोध का भी सामना करना पड़ सकता है।


स्कंद षष्ठी तिथि


पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की स्कंद षष्ठी तिथि 11 जुलाई को सुबह 10 बजकर 3 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 12 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 32 मिनट समापन होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर स्कंद षष्ठी का व्रत 11 जुलाई 2024 को ही रखा जाएगा।


स्कंद षष्ठी पूजा विधि

  • स्कंद षष्ठी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद सूर्य देवता की पूजा कर उन्हें अर्घ्य दें।
  • पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव कर सभी स्थान को शुद्ध करें। खासतौर पर घर के मंदिर को गंगाजल से साफ करें।
  • भगवान गणेश और 9 ग्रहों की पूजा करें। साथ ही देवी-देवताओं का आह्वान करें।
  • एक चौकी लगाकर उस पर लाल रंग का शुद्ध कपड़ा बिछाएं।
  • उसके ऊपर भगवान कार्तिकेय की फोटो या प्रतिमा को स्थापित करें।
  • व्रत का संकल्प लेने के बाद कार्तिकेय देवता को वस्त्र, इत्र, फूल, आभूषण, दीप-धूप और नैवेद्य अर्पित करें।
  • पूजा के दौरान ॐ स्कन्द शिवाय नमः मंत्र का तीन बार जाप करें।
  • अंत में भगवान कार्तिकेय की आरती कर उनकी फोटो या प्रतिमा की तीन बार परिक्रमा करें।


स्कन्द षष्ठी व्रत का महत्व


मान्यता है कि अगर पति-पत्नी जोड़े के साथ सच्चे दिल से स्कन्द षष्ठी का व्रत रखें, तो उनको जल्द ही संतान की प्राप्ति होती है। इसलिए कहा भी जाता है कि जिन लोगों को घर में बच्चा नहीं हो रहा है, उन्हें भगवान कार्तिकेय की पूजा अवश्य करनी चाहिए। साथ ही प्रत्येक माह में आने वाली स्कन्द षष्ठी तिथि के दिन व्रत रखना चाहिए। इससे जल्द ही घर में किलकारी गूंज सकती है। इसके अलावा घर में सुख-शांति बनी रहेगी।