DDU जंक्शन पर 8 नाबालिग बच्चे उतारे गए, कपड़ा फैक्ट्री में मजदूरी के लिए ले जा रहे थे मानव तस्कर
डीडीयू जंक्शन पर नाबालिगों की बरामदगी
अप ओखा गुवाहाटी एक्सप्रेस में चल रही जांच
बच्चों की उम्र 15 से 16 वर्ष के बीच
चाइल्ड लाइन ने बच्चों को सुरक्षित घर पहुंचाया
चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), बचपन बचाओ आंदोलन और चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीम ने मंगलवार को अप ओखा गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन से अहमदाबाद कपड़ा फैक्टरी में काम करने जा रहे 8 नाबालिगों को डीडीयू जंक्शन पर पकड़कर उन्हें सुरक्षित किया। ये सभी नाबालिग पश्चिम बंगाल और असम के विभिन्न जिलों से आ रहे थे। उनकी उम्र 15 से 16 वर्ष के बीच थी।
जांच के दौरान पता चला कि छह नाबालिग कूच बिहार, पश्चिम बंगाल से और दो नाबालिग कुकाडझार-बिरंग और हसदा जिला, चिरांग असम से अहमदाबाद जा रहे थे। आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार राव ने बताया कि स्टेशन पर गश्त के दौरान प्लेटफॉर्म नंबर चार पर अप ओखा एक्सप्रेस ट्रेन पहुंची, जिसके जनरल कोच की तलाशी के दौरान नाबालिग बरामद हुए।
सभी नाबालिगों को तुरंत आरपीएफ पोस्ट पर लाया गया, जहां उन्हें काउंसलिंग प्रदान की गई और उनके परिवारों को सूचना दी गई। इसके बाद बच्चों को सुरक्षित रूप से घर पहुंचाने के लिए चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया। अभियान में एसआई सरिता गुर्जर, निशांत कुमार, बचपन बचाओ आंदोलन की सहायक परियोजना अधिकारी चंदा गुप्ता और चाइल्ड लाइन के सुपरवाइजर राधेश्याम सक्रिय भूमिका में रहे।
रेलवे प्रशासन ने बताया कि बाल श्रम रोकने और नाबालिगों को काम कराने से बचाने के लिए “ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते” और “ऑपरेशन आहट” जैसी नियमित अभियान चलाए जा रहे हैं। इस तरह की कार्रवाई से न केवल नाबालिगों को सुरक्षित किया जा रहा है बल्कि उनके भविष्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता भी बढ़ रही है।
आरपीएफ अधिकारियों ने सभी यात्रियों से अपील की है कि किसी भी नाबालिग को रोजगार के लिए ट्रेन में ले जाने का प्रयास न करें और ऐसे मामलों की तुरंत सूचना दें, ताकि बच्चों को समय पर सुरक्षित किया जा सके।