पड़ाव इलाके के बॉर्डर पर जाम की समस्या के लिए कौन करेगा पहल, हर दिन होती है किचकिच
 

जब अधिकारियों का काफिला आता है तो वह सक्रिय रहते हैं, बाकी समय में वह जनता को जाम से जूझने के लिए छोड़ देते हैं।
 

ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने की मांग

अक्सर पड़ाव चौराहे पर घंटों तक लगता है जाम

स्कूली बच्चे व एंबुलेंस को झेलना पड़ता है जाम का दर्द


चंदौली जिले के वाराणसी जिले से लगने वाले पड़ाव इलाके के बॉर्डर पर जाम की समस्या धीरे-धीरे काफी मुसीबत वाली बनती जा रही है। यहां पर अक्सर कई घंटे तक सड़क जाम हो जाती है, जिससे आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शहर के जाम से बचने के लिए लोग पड़ाव होते हुए वाराणसी जाना चाहते हैं। इसीलिए बाइक और कार सवार अक्सर इस रास्ते को चुनते हैं, लेकिन उनको कठिनाई का तब सामना करना पड़ता है, जब पड़ाव चौराहे पर घंटों तक जाम लगा रहता है।

पड़ाव व मुगलसराय में लगने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए वाराणसी आईजी साहब ने कई बार पहल की, लेकिन पुलिस के जवान इसके लिए कोई भी जिम्मेदारी निभाने की पहल नहीं करते हैं। जब अधिकारियों का काफिला आता है तो वह सक्रिय रहते हैं, बाकी समय में वह जनता को जाम से जूझने के लिए छोड़ देते हैं।

 वाराणसी और चंदौली जनपद की सीमा से सटे इस इलाके के लिए दोनों जनपदों के अधिकारियों को मिल बैठकर देश की समस्या का समाधान करना चाहिए, ताकि सड़क जाम से मुक्ति दिलाई जा सके। सबसे ज्यादा फजीहत घर से स्कूल जाने वाले और स्कूल से घर लौटने वाले बच्चों के लिए होती है। जब यह जाम स्कूल के समय में लगता है, तब बच्चों को घंटों जाम में फंसकर परेशान होना पड़ता है।

 इतना ही नहीं जल्दबाजी के चक्कर में कई बार सरकारी और निजी एंबुलेंस की गाड़ियां भी इस जाम में फंस जाया करती हैं। बताया जाता है कि यहां पर बने अवैध ऑटो और बसों के टैक्सी स्टैंड की वजह से यह समस्या और भी गंभीर हो जा रही है। गाड़ियों के अवैध स्टैंड को पुलिस की मिलीभगत से चलाया जाता है, जिससे पुलिस को एक बड़ी रकम प्राप्त होती है। इसीलिए पुलिस अपना सारा जोर आने-जाने वाले मुसाफिरों पर दिखाती है। स्थानीय पुलिस को अवैध तरीके से सड़क जाम कर सवारियां बैठाने वाले ऑटो और बड़ी गाड़ियों के चालक नहीं दिखते हैं। स्थानीय लोगों ने चंदौली जिले के जिलाधिकारी और एसपी से इस बात के लिए पहल करने की बात कही है। दोनों जिले के अधिकारियों को वाराणसी मंडल के मंडलायुक्त से मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने की ओर पहल करनी चाहिए।