चंदौली में दरिंदगी की हदें पार: मासूमों पर आत्याचार के पहले भी आ चुके हैं कई मामले, पुलिस जल्द कर सकती है खुलासा

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन तीन संदिग्धों में से एक व्यक्ति मुख्य आरोपी हो सकता है और पुलिस इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा कर सकती है।
 

चंदौली में 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या

भूसे में मिली छह साल की मासूम की लाश

दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या की पुष्टि

3 संदिग्धों से पूछताछ जारी

चंदौली जिले में अलीनगर थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई जघन्य घटना ने पूरे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया है। यहां एक छह वर्षीय मासूम बच्ची की पहले दुष्कर्म किया गया और फिर निर्ममता से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई। बच्ची का शव सोमवार देर रात घर से महज 50 मीटर दूर एक भूसे के ढेर में बिना कपड़ों के मिला था।

पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने बुधवार को बताया कि बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है, जिसमें दुष्कर्म और गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई है। पुलिस ने इस मामले में तीन संदिग्धों को पकड़ा है, जिनसे सघन पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इन तीन संदिग्धों में से एक व्यक्ति मुख्य आरोपी हो सकता है और पुलिस बृहस्पतिवार को इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा कर सकती है।

बारिश के बीच गायब हुई थी बच्ची

मृतक बच्ची एक मजदूर की छह साल की बेटी थी। सोमवार की रात लगभग आठ बजे वह अपने चाचा के घर से वापस अपने घर आ रही थी। इसी दौरान बारिश शुरू हो गई। परिवार वालों को लगा कि बारिश के चलते बच्ची रास्ते में कहीं रुक गई होगी, इसलिए उन्होंने शुरू में ज्यादा ध्यान नहीं दिया। जब देर रात तक बच्ची घर नहीं लौटी, तब रात 9 बजे परिवार वालों ने उसकी तलाश शुरू की।

पूरे गांव में खोजने पर भी जब बच्ची नहीं मिली, तो परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। देर रात लगभग 1 बजे, परिवार वाले जब घर से करीब 50 मीटर दूर भूसे की छावनी के पास गए, तो उन्हें कुछ संदिग्ध चीजें मिलीं। वहां पर बच्ची के कपड़े, बिस्कुट, कुरकुरे के पैकेट और एक गुटखे का पाउच मिला।

भूसे के ढेर में मिला शव, शरीर पर थे चोट के निशान

भूसे के ढेर के पास कपड़े और पैकेट मिलने पर परिवार वालों को शक हुआ। जब उन्होंने भूसे को हटाकर देखा, तो उसमें से बिना कपड़ों के बच्ची का शव मिला। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया कि बच्ची की दुष्कर्म के बाद गला दबाकर निर्मम तरीके से हत्या की गई थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बच्ची के शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान थे। कपड़ों पर खून के निशान पड़े थे। परिजनों ने आशंका जताई थी कि बच्ची से जबरदस्ती की गई थी और चीखने-चिल्लाने पर उसे पीटा भी गया होगा। बच्ची के मुंह पर भी लाल निशान थे, जिससे यह संकेत मिला कि उसके मुंह को जोर से दबाया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी दम घुटने से मौत का तथ्य सामने आया है।

बेटी की चिंता में माँ ने ठुकराया खाना

यह घटना परिवार के लिए असहनीय दुख लेकर आई। एक मार्मिक जानकारी के अनुसार, घटना वाली रात (सोमवार) जब बच्ची का पिता घर आया, तो उसने अपनी पत्नी (बच्ची की माँ) से खाना मांगा। माँ ने खाना देने से मना कर दिया और कहा कि जब तक बेटी नहीं आ जाती, तब तक खाना नहीं दूंगी। पिता ने यह कहते हुए चिंता नहीं दिखाई कि बच्ची शायद छठ घाट पर चली गई होगी या किसी पड़ोसी के घर होगी, क्योंकि वह मुहल्ले के ज्यादातर लोगों को जानती थी। पिता की यह बेफिक्री बाद में एक भयानक त्रासदी में बदल गई।

चंदौली में नाबालिगों के खिलाफ बढ़ते अपराध पर चिंता

यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना जिले में नाबालिगों के साथ हो रहे अपराधों की एक खतरनाक प्रवृत्ति को दर्शाती है। हाल के वर्षों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं:

    13 जुलाई 2025 को मुगलसराय थाना क्षेत्र में एक नाबालिग के साथ डराकर सामूहिक दुष्कर्म किया गया, जिसका खुलासा पीड़िता के पांच महीने की गर्भवती होने के बाद हुआ।
    6 जुलाई 2025 को मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र में एक नाबालिग के साथ पड़ोस के युवक ने दुष्कर्म किया, जिसके आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
    16 जून 2025 को शहाबगंज थाना क्षेत्र में एक कोचिंग संचालक ने 10 वर्षीय छात्रा के साथ दुष्कर्म किया।
    15 मार्च 2025 को होली की रात चंदौली के एक गांव में एक व्यक्ति नाबालिग को घसीटकर खेत में ले गया और दुष्कर्म किया।
    4 जनवरी 2023 को मुगलसराय कोतवाली के चंदासी चौकी क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में कक्षा नौवीं की छात्रा का अपहरण कर दुष्कर्म किया गया, और डर फैलाने के लिए ब्लेड से उसके शरीर पर जगह-जगह काटा भी गया था।

मनोचिकित्सक ने अश्लील साइटों पर रोक लगाने की मांग की

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय के वरिष्ठ मनोचिकित्सक प्रोफेसर संजय गुप्ता ने इस बढ़ती दरिंदगी पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया या गंदी साइटों की वजह से सिर्फ एक व्यक्ति ही नहीं, बल्कि पूरा समाज गंदे विचारों से भर गया है। उन्होंने कहा कि इन साइटों पर सामान्य नहीं, बल्कि अस्वभाविक (अबनार्मल) संबंध दिखाए जाते हैं, जिससे देखने वाला यह सोचने लगता है कि वह भी ऐसा कर सकता है।

प्रो. गुप्ता ने कहा कि स्थिति यह हो गई है कि आज कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है, चाहे वह छह साल की बच्ची हो या 60 साल की बुजुर्ग महिला। उन्होंने सरकार से अपील की है कि ऐसी साइटों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना चाहिए या सेंसरशिप करनी होगी, तभी समाज बच पाएगा।