चंद्रप्रभा नदी में 3 किशोरों के डूबने के मामले में अरेस्ट हो गया है नाव का मालिक पिंटू सोनकर
 

सभी छह लोग नाव पर सवार होकर नदी की बीच धारा में चले गए। सूत्रों के अनुसार, बीच धारा में पहुंचने पर सेल्फी लेने के दौरान नाव का संतुलन बिगड़ गया और नाव पलट गई।
 

चंद्रप्रभा नदी नाव हादसे में एक्शन

सेल्फी लेते समय पलटी थी किशोरों से भरी नाव

क्षमता से अधिक सवारियां बनी हादसे की वजह

तीन मौतों के बाद नाव संचालक गिरफ्तार करके भेजा गया जेल

चंदौली जिले के बबुरी थाना क्षेत्र के कोदोचक डवरी कला गांव के सामने चंद्रप्रभा नदी में सोमवार शाम हुए दर्दनाक नाव हादसे में डूबे तीनों किशोरों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इस दुर्घटना के बाद पुलिस ने बुधवार को लापरवाही बरतने वाले नाव संचालक पिंटू सोनकर को भी गिरफ्तार कर लिया है। अब मामले में उसे जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की जा रही है, ताकि उसे बलि का बकरा बनाया जा सके।

यह दुखद घटना तब हुई जब कोदोचक डवरी कला गांव निवासी पीयूष, यश और अरुण समेत कुल छह किशोर छठ पूजा देखने के लिए घाट किनारे जमा हुए थे। सभी छह लोग नाव पर सवार होकर नदी की बीच धारा में चले गए। सूत्रों के अनुसार, बीच धारा में पहुंचने पर सेल्फी लेने के दौरान नाव का संतुलन बिगड़ गया और नाव पलट गई। इस हादसे में पीयूष, यश और अरुण डूब गए। देर रात तक खोजबीन के बाद सबसे पहले अरुण का शव बरामद कर लिया गया था।

हालांकि, पीयूष और यश की तलाश जारी थी। घटना के तीसरे दिन, बुधवार की सुबह करीब आठ बजे, एनडीआरएफ (NDRF) की टीम और निजी गोताखोरों की मदद से नदी में डूबे दोनों किशोरों (पीयूष और यश) के शव भी बरामद कर लिए गए। शव मिलने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।

क्षमता से अधिक लोगों को बैठाना बना मौत का कारण
पुलिस ने इस दर्दनाक हादसे के बाद कार्रवाई करते हुए बुधवार को नाव संचालक पिंटू सोन सोनकर को उसके गांव डवरी कला से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उपाधीक्षक कृष्ण मुरारी शर्मा ने बताया कि पिंटू सोनकर की नाव की क्षमता केवल चार लोगों के बैठने की थी। आरोपी यह जानते हुए भी कि चार से अधिक लोग बैठने पर नाव पलट सकती है, उसने किशोरों को नाव में बिठाया और नदी में घुमा रहा था। कहा जा रहा है कि पुलिस ने परिजनों से प्राप्त तहरीर के आधार पर यह कार्रवाई की है। इस हादसे ने स्थानीय प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं।