रेवसा गांव में 57वें दिन भी धरना जारी, अब 11 अगस्त को कलेक्ट्रेट घेराव की घोषणा
भारतमाला परियोजना के तहत चल रहा विवाद
भूमि अधिग्रहण में मुआवज़ा न मिलने से नाराज़ रेवसा गांव के ग्रामीण
ग्रामीणों ने आंदोलन तेज़ करने की घोषणा
चंदौली जिले में भारतमाला परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण में मुआवज़ा न मिलने से नाराज़ रेवसा गांव के ग्रामीणों का धरना रविवार को 57वें दिन भी जारी रहा। प्रभावित किसानों ने आरोप लगाया कि उनकी ज़मीन लिए जाने के बावजूद न तो मुआवज़ा तय हुआ है और न ही भुगतान किया गया है।
धरना स्थल पर जुटे ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन बार-बार सर्वे और कागज़ी कार्रवाई का हवाला देता है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं हो रही। बुजुर्ग, महिलाएं और छात्र भी दिन-रात बारी-बारी से धरना दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि ज़मीन छिन जाने से आजीविका का मुख्य साधन खत्म हो गया है, और बिना मुआवज़े के उनका भविष्य अंधकारमय है।
इसी आक्रोश के चलते रविवार को ग्रामीणों ने आंदोलन तेज़ करने की घोषणा की। 11 अगस्त को रेवसा के लोग और अन्य प्रभावित परिवार जिला कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। इस दौरान प्रशासन को चेतावनी दी जाएगी कि यदि उनकी मांगों पर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन व्यापक रूप लेगा।
एलबीएस पीजी कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष अभिषेक कुमार रिकी ने धरना स्थल पर समर्थन जताते हुए कहा, “हमारी लड़ाई न्याय और अधिकार की है। 57 दिनों से शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं, लेकिन न मुआवज़ा मिला, न आश्वासन। अब समय है कि हम अपनी ताक़त दिखाएं।” उन्होंने सभी ग्रामीणों से घेराव में अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की।
गांव के अन्य लोगों और महिलाओं ने भी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का संकल्प लिया। अब सबकी निगाहें 11 अगस्त पर टिकी हैं कि क्या प्रशासन घेराव से पहले कोई ठोस कदम उठाएगा या मामला और तूल पकड़ेगा।