सड़क किनारे लटक रहे खंभे, हादसे को दे रहे आमंत्रण

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में सड़क किनारे लटक रहे खंभों से आमजन सुरक्षित नहीं हैं। यह हादसे को आमंत्रण दे रहे हैं। ऐसे खंभे कब धराशायी हो जाएंगे कहना मुश्किल है। आरोप है कि सब कुछ जानते हुए भी विभाग मौन है। शिकायत पर अधिकारी बजट नहीं होने का रोना रोकर पल्ला झाड़ लेते हैं। तार टूटकर
 

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चंदौली जिले में सड़क किनारे लटक रहे खंभों से आमजन सुरक्षित नहीं हैं। यह हादसे को आमंत्रण दे रहे हैं। ऐसे खंभे कब धराशायी हो जाएंगे कहना मुश्किल है। आरोप है कि सब कुछ जानते हुए भी विभाग मौन है। शिकायत पर अधिकारी बजट नहीं होने का रोना रोकर पल्ला झाड़ लेते हैं। तार टूटकर गिर जाने से पूरे फीडर की आपूर्ति घंटों बंद होना आम बात हो गई है। समस्या का निदान नहीं होने से उपभोक्ताओं में नाराजगी बढ़ती जा रही।

बताते चलें कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय विद्युतीकरण योजना के तहत चिन्हित गांवों में एबीसी तार खींचा गया है लेकिन अधिकांश जगहों पर खुले तारों से विद्युत आपूर्ति हो रही है। ऐसे तार आए दिन टूटकर गिर जाते हैं। इससे हादसे का डर बना रहता है। यह परेशानी दूर करने को विभाग ने फिलहाल स्थानीय स्तर पर कोई योजना नहीं बनाई है।

तियरा-भटरौल मार्ग पर कलवारी, गजधरा, भटरौल, उदयपुर, सिघरौल, तियरा, नौडिहा गांव के निकट सड़क के किनारे खंभे लटक रहे हैं। दशकों पूर्व इन खंभों पर लगाए गए तार भी ढीले हो गए हैं। इसके चलते तार कई स्थानों पर नीचे की ओर लटक गए हैं। हल्के हवा के झोकों से ढीले तार आपस में टकराते रहते हैं। इसके चलते स्पार्किंग होती है इससे तार अक्सर टूटकर गिर जाते हैं।

कस्बा, विकास खंड मुख्यालय, मुरकौल, बड़गावां, तियरा, करनौल, अमरसीपुर सहित आदि गांवों में जर्जर तारों के कारण ट्रिपिग से उपभोक्ता आजिज हैं। कमोवेश यही हालत बबुरी, शिकारगंज, इलिया, चकिया क्षेत्र की भी है।

उपभोक्ता वीरेंद्र सिंह, शंभूनाथ मौर्य, सतीश सिंह, देवेंद्र नारायण सिंह, इबरार, मिथिलेश कुमार, जैनुल, शेखर आदि ने कहा कि समय रहते तार व खंभों को दुरुस्त नहीं कराया तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है।